बागियों ने नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चेताया, इमरान की सियासी परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू
नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चेताया
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सियासी परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। स्पीकर असद कैसर (Asad Qaiser) ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है। विपक्ष इस मौके को हाथ ने नहीं जानें देना चाहता है इसलिए विपक्षी दलों की ओर से सांसदों को इस्लामाबाद में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। विपक्ष ने आठ मार्च को पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 21 मार्च को मतदान कराने की मांग की थी।
ओआइसी सम्मेलन को लेकर चेतावनी
गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) के 48वें सत्र का आयोजन 22 व 23 मार्च को संसद भवन में होगा इसलिए सत्र बुलाने में देरी हुई। दावा है कि सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। शेख राशिद ने कहा कि विपक्ष सम्मेलन में बाधा डालने की कतई कोशिश न करे। इससे पहले विपक्षी दलों ने चेताया था कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराया गया, तो वे ओआइसी सम्मेलन के दौरान संसद में धरना देंगे।
क्या कहता है बहुमत का गणित
उल्लेखनीय है कि इमरान खान को बहुमत साबित करने के लिए 172 मतों की जरूरत होगी। निचले सदन में विपक्षी दलों के संयुक्त रूप से 163 सांसद हैं और उन्हें यकीन है कि सत्ता पक्ष से असंतुष्ट सांसदों के बदौलत वे इमरान खान की सरकार गिरा देंगे। रिपोर्टों के मुताबिक सत्ता पक्ष के लगभग दो दर्जन सांसदों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चेताया
पीएम इमरान खान द्वारा नए सेना प्रमुख की नियुक्ति का प्रयास किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के बीच सत्तारूढ़ पीटीआइ के बागी सांसद डा. आमिर लियाकत हुसैन ने चेताया है कि अगर ऐसा किया गया, तो देशभर में प्रतिक्रियाएं होंगी। डा. हुसैन के ट्विटर हैंडल से जारी वीडियो के हवाले से डान समाचार पत्र ने कहा, 'पता चला है कि आप नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति करने जा रहे हैं। कृपया ऐसा न करें। इसका देशभर में मुखर विरोध होगा।' इस बीच, विपक्षी दल जेयूआइ-एफ के नेता मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी ने इमरान को हठी करार देते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा देकर चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
हाई कोर्ट ने नहीं दी रेड जोन में प्रदर्शन की अनुमति
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने शनिवार को राजनीतिक दलों को रेड जोन में धरना-प्रदर्शन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया। विपक्षी दलों ने कंस्टीट्यूशन एवन्यू के सामने धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, जिसके आसपास संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन व प्रधानमंत्री कार्यालय हैं। उधर, विपक्षी दलों ने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन करते हुए इमरान खान से प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ने की मांग की।
सेना के सामने नहीं गली इमरान की दाल
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले अपनी सरकार को संकट से निकालने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तानी सेना की शरण में भी चले गए, लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली। दावा है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में शीर्ष अधिकारियों ने इमरान को ओआइसी सम्मेलन के बाद इस्तीफा देने के लिए कह दिया है।
सेना ने भी छोड़ा साथ
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इमरान को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का निर्णय जनरल बाजवा व तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल ने एक बैठक में लिया। यह बैठक जनरल बाजवा व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की इमरान से शुक्रवार को मुलाकात के बाद हुई थी। माना जा रहा है कि इमरान ने जनरल बाजवा से मुलाकात सेना से अपने संबंधों को सुधारने के लिए की थी। इससे पहले पूर्व सेना प्रमुख राहिल शरीफ भी जनरल बाजवा को मनाने में विफल रहे थे।