उइगर मुसलमानों पर चीन के अत्याचारों के खिलाफ उठाई आवाज, कनाडा में शुरू किया 15 दिवसीय वॉकिंग प्रोटेस्ट
2022 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक खेलों का बहिष्कार करे।
उइगर मुसलमानों पर चीन के अत्याचरों के खिलाफ अब अवाज उठने लगी है। चीन में बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के खिलाफ कनाडा के पूर्वी तुर्किस्तान एसोसिएशन ने 15 दिवसीय वॉकिंग प्रोटेस्ट शुरू किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह फ्रीडम मार्च 4 जुलाई, 2021 को टोरंटो से ओटावा तक आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने कहा कि इस पैदल विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य पूर्वी तुर्किस्तान (चीन में शिनजियांग) में चल रहे उइगर नरसंहार के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
पूर्वी तुर्किस्तान में हो रहे उइगर उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आयोजकों का उद्देश्य चीनी सरकार द्वारा 5 जुलाई को किए गए उरुमकी नरसंहार के पीड़ितों का सम्मान करना है। इसके साथ ही फरवरी में उइगर उत्पीड़न को नरसंहार के रूप में मान्यता देने के प्रस्ताव के पारित होने के बाद कार्रवाई करने के लिए जस्टिन ट्रूडो सरकार पर दबाव डालना है।
यह 5 जुलाई, 2009 को उरुमकी, शिनजियांग में हुई हिंसा की 12वीं वर्षगांठ है, जिसमें हजारों उइगर प्रदर्शनकारी मारे गए, गायब हो गए या घायल हो गए थे, क्योंकि चीनी सरकार ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई की थी। चश्मदीदों के साक्षात्कार के आधार पर गैर-सरकारी संगठनों की रिपोर्ट ने संकेत दिया कि सुरक्षा बलों ने विरोध के दौरान जानबूझकर गोला बारूद का इस्तेमाल किया।
कनाडा के ईस्ट तुर्किस्तान एसोसिएशन के सदस्य बिलाल मलिक का कहना है, 'इस स्वतंत्रता मार्च के जरिए मैं कनाडा सरकार से मांग करता हूं कि वह आधिकारिक तौर पर उइगर मुद्दे को नरसंहार के रूप में मान्यता दे और दूसरा, 2022 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक खेलों का बहिष्कार करे।