आज से शुरू हो रही की पुतिन की मध्य एशिया यात्रा, ईरान और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से करेंगे मुलाकात

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. इस बीच दुनिया के देश भी दो खेमों में बंटते हुए नजर आ रहे हैं.

Update: 2022-07-20 01:03 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War) जारी है. इस बीच दुनिया के देश भी दो खेमों में बंटते हुए नजर आ रहे हैं. अमेरिका नाटो समेत अधिकांश मित्र देशों को अपने नेतृत्व में प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन के समर्थन में खड़ा होने के लिए दबाब बनाता रहा है. जिसको लेकर अमेरिका समय-समय पर खेमेबाजी भी करता रहा है. वहीं अमेरिका विरोधी अधिकांश देश ऐसे रूस का समर्थन करते हुए दिख रहे हैं. जिसको लेकर रूस (Russia) की तरफ से भी खेमेबाजी के प्रयास होते रहे हैं. इन दिनों इसके प्रत्यक्ष उदाहरण को समझने का दौर जारी है. असल में बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायत, सऊदी अरब समेत अन्य खाड़ी देशों की यात्रा की थी. इसी कड़ी में रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन भी मध्य एशिया देशों की यात्रा में निकल गए हैं. जहा वह ईरान और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे.

20 जुलाई से शुरू हो रही पुतिन की यात्रा
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन की ईरान यात्रा 20 जुलाई से शुरू हो रही है. इस दौरान वह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी से मुलाकात करेंगे. तो वहीं ईरानी की राजधानी तेहरान में ही उनकी तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान से आमने-सामने की मुलाकात होनी है. वहीं 25 फरवरी को पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति इमरान खान ने मास्को जाकर रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन से भी मुलाकात की थी. हालांकि इसके बाद इमरान खान को पद छोड़ना पडा था.
पुतिन का युद्ध शुरू होने के बाद पहला विदेशी दौरा
रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन का रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद यह पहला विदेशी दौरा है. असल में रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है, जिसमें रूस ने शुरू से ही आक्रमक रूख अपनाया हुआ है. हालांकि यूक्रेन ने भी युद्ध में अपनी ताकत का बखूबी परिचय दिया है, लेकिन इस बीच अमेरिका समेत दुनिया क सुपर पावर देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. हालांकि इसके जवाब में रूस ने अपने वहां से सप्लाई होने वाले ईंधन की आपूर्ति को प्रभावित किया है. इस वजह से इन दिनोंं यूरोप गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति के बीते दिनों खाड़ी देशाें का दौरे को गंभीर ऊर्जा संकट से निपटने के लिए उपाय खोजने के तरीके के तौर पर भी देखा जा रहा था.
खाड़ी में अरब और ईरान आपस में हैं विरोधी
खाड़ी में सऊदी अरब और ईरान को एक दूसरे का विरोधी माना जाता है. बीते कई दशकों से दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलता रहे हैं. ऐसे में बीते दिनों जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने सऊदी का दौरा किया था, उसके जवाब में पुतिन के ईरान दौरे की संभावनाएं लगाई जा रही थी. क्योंकि ईरान रूस का समर्थन युद्ध के दौर में करता आ रहा है.
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