पुतिन ने कहा- 'यूक्रेन के साथ नहीं चाहते हैं जंग, मगर पश्चिमी मुल्क पूरी करें हमारी मांगें'
व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा कि वह एक नया सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहते हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार को अपने साल के अंत में होने वाले समाचार सम्मेलन में यूक्रेन में बढ़ते दबाव के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने सुझाव दिया कि अब गेंद अमेरिका (America) और पश्चिमी मुल्कों के पाले में है, क्योंकि अब उन्हें मॉस्को (Moscow) की मांगों का जवाब देना है. रूसी नेता ने कहा कि यह अमेरिका और नाटो (NATO) पर निर्भर है कि वह पिछले सप्ताह मॉस्को द्वारा मांगी गई सुरक्षा गारंटी को मुहैया कराएं. व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा कि वह एक नया सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहते हैं.
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, 'अब गेंद उनके पाले में हैं. उन्हें अब इसका जवाब देने की जरूरत है.' रूस ने यूक्रेन की सीमा पर लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती की हुई है. इससे रूसी आक्रमण का खतरा बढ़ गया है. हालांकि, रूस ने बार-बार हमले से इनकार किया है और कहा है कि उसका अपने पड़ोसी पर चढ़ाई करने की कोई योजना नहीं है. पुतिन ने पिछले हफ्ते क्रेमलिन द्वारा जारी सुरक्षा मांगों की प्रतिक्रिया को लेकर आशा व्यक्त की कि इसे पश्चिमी मुल्क पूरा करेंगे. इन मांगों में कहा गया कि NATO पूर्व की ओर अपने विस्तार को रोक दे और इस बात की गारंटी दी जाए कि रूस के पड़ोसी देशों में हथियार तैनात नहीं किए जाएंगे.
बिना गारंटी अपने देश की सुरक्षा चाहते हैं: पुतिन
रूसी नेता ने कहा कि वाशिंगटन अगले साल की शुरुआत में जिनेवा में मॉस्को के प्रस्तावों के बारे में बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है. हालांकि इसकी संभावना नहीं है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश मॉस्को को गारंटी देने वाले हैं. उन्होंने कहा, मॉस्को अभी और भविष्य में अपनी सुरक्षा की बिना शर्त गारंटी चाहता है और NATO में यूक्रेन को शामिल होते हुए नहीं देखना चाहता है. पुतिन ने कहा, हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारी सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जाएगी. उन्होंने रूस के करीब पहुंचने के लिए अमेरिकी की आलोचना की और कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि मॉस्को और पश्चिमी मुल्क अलग-अलग दुनिया में रहते हैं.
2001 से हर साल वर्ष के अंत में पुतिन करते हैं संवाददाता सम्मेलन
गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन हर साल वर्ष के खत्म होने पर संवाददाता सम्मेलन करते हैं, जिसमें दुनियाभर के सैकड़ों पत्रकार हिस्सा लेते हैं. ये परंपरा 2001 से पुतिन के राष्ट्रपति बनने से ही चली आ रही है. 2004 के बाद से हर समाचार सम्मेलन कम से कम तीन घंटे लंबा रहा है. पिछले साल सबसे लंबे समय तक सम्मेलन चला, जब उन्होंने 4.5 घंटे तक सवालों का जवाब दिया. इस साल सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है, जब सैन्य निर्माण को लेकर चिंता बढ़ी हुई है. इसके अलावा, कोविड के बढ़ते मामलों, आर्थिक सुधार और मानवाधिकार हनन को लेकर रूस को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा है.