यूक्रेन के साथ जंग जैसे हालात के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा बयान आया है. सुरक्षा परिषद के साथ बैठक में पुतिन ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन को मान्यता देने पर विचार किया जा रहा है. रूस ने तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर लिया है. शांतिपूर्ण माहौल बना रहे, ऐसी कोशिश की गई. पुतिन ने तेवर दिखाते हुए ये भी कहा है कि हमें NATO और अमेरिका की कोई गारंटी नहीं चाहिए.
दरअसल, रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन NATO में शामिल हो, क्योंकि रूस को लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो NATO के सैनिक और ठिकाने उसकी सीमा के पास आकर खड़े हो जाएंगे. अभी रूस और यूक्रेन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने चिंता जताई है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने लगाई गुहार
यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) की तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया है. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने ये गुहार लगाई है. इससे पहले रूस ने दावा किया कि यूक्रेन ने रूसी सीमा पर गोलीबारी करके नुकसान पहुंचाया है. AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूसी सेना का ये भी दावा किया कि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले 5 यूक्रेनी मारे गए हैं. हालांकि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले दावे से यूक्रेन ने इनकार किया है.
2014 में क्रीमिया पर किया था कब्जा
बता दें कि 2014 में रूस ने यूक्रेन के शहर क्रीमिया पर हमला करके कब्जा जमा लिया था. क्रीमिया पर कब्जे के बाद भी संघर्ष जारी रहा. यूक्रेन के डोनबास (Donbas) के दो इलाके डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहंस्क (Luhansk) में अलगाववादियों ने अलग देश घोषित कर दिया. डोनेत्स्क और लुहंस्क अभी दो अलग-अलग देश हैं. ये दोनों देश पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा हैं.
2021 के आखिरी में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो की सदस्यता लेने का ऐलान किया था. इसी फैसले के बाद से यूक्रेन से रूस नाराज है, जो नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो से जुड़े. यूक्रेन पर दबाव बनाने के लिए पिछले कुछ महीनों से लाखों रूसी सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं और माना जा रहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है.