तिब्बत के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों के खिलाफ हो रहे चीन के जुल्मों के खिलाफ बेल्जियम में विरोध प्रदर्शन
तिब्बत के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों के खिलाफ हो रहे चीन के जुल्मों के खिलाफ बेल्जियम में विरोध प्रदर्शन किया। इसमें उइगरों के अलावा तिब्बती भी शामिल थे। इनका कहना था कि विश्व को बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार करना चाहिए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीजिंग विंटर ओलंपिक पर पहले से ही संकट के बाद मंडरा रहे हैं। इसको लेकर कई देश पहले से ही विरोध स्वरूप इसमें शामिल होने का बहिष्कार कर चुके हैं। अब इसमें उइगर और तिब्बतियों का भी नाम शामिल हो गया है। इन लोगों ने मिलकर बेल्जियम के डिक्समुडे में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इनका आरोप था कि चीन अपने यहां पर मानवाधिकार उल्लंघन में घिरा हुआ है। ऐसे में विश्व बिरादरी को एकजुट होकर बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार करना चहिए।
इस दौरान प्रदर्शन करने वालों ने अपने हाथों में बैनर पोस्टर और प्लेकार्ड ले रखे थे। बेल्जियम उइगर एसोसिएशन ने एक ट्वीट में कहा कि चीन के जिनोसाइड गेम्स बीजिंग 2022 के खिलाफ दुनिया को जागरुक करने के लिए हमनें अपने तिब्बती दोस्तों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। इसमें कहा है कि बेल्जियम में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान केवल शांति के लिए हजारों जवानों ने अपने जीवन को कुर्बान किया था। इसके अलावा बेल्जियम में ही एक अन्य जगह पर भी इन लोगों ने मिलकर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर उइगरों और तिब्बतियों ने दुनिया को तिब्बत और हांगकांग में की जा रही चीन की करतूतों के खिलाफ दुनिया को आगाह भी किया।
उइगरों और तिब्बतियों का ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में सामने आया है जब पहले से ही दुनिया के करीब 243 समूह जिसमें सरकारी और गैर सरकारी शामिल हैं ने चीन में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाही करने की मांग की है। बीजिंग ओलंपिक गेम्स की शुरुआत अगले माह पहले सप्ताह से होने वाली है। उइगर एसोसिएशन का कहना है कि चीन मानवाधिकार उल्लंघन का विश्व में जीता जागता उदाहरण है। सभी खिलाडि़यों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। ये संभव नहीं है कि इसके लिए किसी को बाध्य किया जाए, जैसा की इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी कर रही है, जबकि मेजबान सरकार पर कई तरह के संगीन आरोप लगे हैं।