पाक सेना के नरसंहार के खिलाफ बांग्लादेशी नागरिकों का विरोध प्रदर्शन, शामिल हुईं कई प्रमुख हस्तियां

ढाका के शाहबाग में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने बड़ी संख्या में लोगों ने गुरुवार को 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में किए गए नरसंहार के विरोध में प्रदर्शन किया।

Update: 2022-03-25 01:06 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ढाका के शाहबाग में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने बड़ी संख्या में लोगों ने गुरुवार को 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में किए गए नरसंहार के विरोध में प्रदर्शन किया। नरसंहार में बच्चों समेत हजारों लोगों की पाकिस्तानी सेना ने जान ली थी। बांग्लादेश जागरूक नागरिक समिति ने नरसंहार यादगार दिवस मनाने के लिए प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस प्रदर्शन में प्रोफेसर डा. नीमचंद भौमिक समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए।

नेताओं और शामिल हुए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर पाकिस्तानी सेना द्वारा आपरेशन सर्चलाइट के नाम पर नरसंहार को योजनाबद्ध सैनिक दमन के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने की मांग की। इसके साथ उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से माफी मांगे जाने और पाकिस्तानी युद्ध अपराधियों के खिलाफ अविलंब सुनवाई शुरू करने की भी मांग की।
पाकिस्तान में महिलाओं को मताधिकार छिनने का डर
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण से पहले स्थानीय लोगों को डर है कि प्रांत के कुछ रूढि़वादी क्षेत्रों में महिलाओं से वोट का अधिकार छीन लिया जा सकता है। पाकिस्तानी अखबार डान ने सामाजिक कार्यकर्ता जकीरुल्लाह के हवाले से बताया कि प्रांत में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां महिलाएं अपने परिवार के पुरुष सदस्यों की अनुमति के बिना वोट डालने के लिए अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकती हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि स्थानीय परंपराओं के कारण महिलाएं अपना वोट नहीं डालती हैं। इससे पहले भी कहा गया था कि उम्मीदवारों ने पीके-28 निर्वाचन क्षेत्र (खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा) में महिला मतदाताओं पर रोक लगाने की तैयारी की थी।
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