इराक में अमेरिका और इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर उमड़े लोगों का हुजूम तो देखिए
पीएमएफ को युद्ध के दौरान सुलेमानी और ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड से ट्रेनिंग और हथियार मिलते थे।
इराक में हजारों लोगों ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ आयोजित रैली में हिस्सा लिया। इस दौरान भीड़ ने अमेरिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। रैली के समापन पर इजरायल और अमेरिका के झंडों को भी जलाया गया। इतना ही नहीं, इराक में अमेरिकी दूतावास की एक बड़ी सी तस्वीर को भी भीड़ ने आग लगा दी। इन लोगों ने इराक में मौजूद अमेरिकी सेना की वापसी की भी मांग की।
विरोध क्यों कर रहे इराकी लोग
दरअसल, यह भीड़ ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की दूसरी बरसी से ठीक पहले जुटी थी। कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने 3 जनवरी 2020 को बगदाद एयरपोर्ट के नजदीक एक ड्रोन हमले में मार दिया था। तब अमेरिका ने दावा किया था कि ईरानी सेना का यह जनरल अमेरिका में आतंकवादी हमले की प्लानिंग कर रहा था। हालांकि, इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं पेश किया गया।
कासिम सुलेमानी की तस्वीरों का किया प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथों में कई तख्तियां भी थीं, जिनपर लिखा था कि ''हम आपको शहीदों की भूमि में आज के बाद रहने नहीं देंगे।" कुछ तख्तियों पर ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कुद्स फोर्स के जनरल कासिम सुलेमानी और अबू महदी अल-मुहांडिस की तस्वीरें लगी हुई थी। इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) मिलिशिया का चीफ मुहांडिस भी सुलेमानी के साथ ड्रोन हमले में मारा गया था।
इराक के शक्तिशाली शिया राजनीतिक गुट हुए शामिल
इस रैली का आयोजन इराक के शक्तिशाली शिया राजनीतिक गुटों ने किया था। इसी गुटों ने साल 2014 में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने के लिए इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स का गठन किया था। इस हथियारबंद मिलिशिया में 124,000 लड़ाके शामिल हैं, जो अब भी इराक के कई इलाकों में सुन्नी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सक्रिय हैं। पीएमएफ को युद्ध के दौरान सुलेमानी और ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड से ट्रेनिंग और हथियार मिलते थे।