राष्ट्रपति गोटाबाया ने देश में उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए निवेश मंत्रालय समेत दो नए मंत्रालयों का किया गठन

पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के गुरुवार को संसद से इस्तीफे के बाद नए मंत्रालय गठित किए गए

Update: 2022-06-10 16:37 GMT
कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में उत्पन्न भीषण आर्थिक संकट से निपटने के लिए निवेश मंत्रालय समेत दो नए मंत्रालयों का गठन किया है। तकनीकी एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्रालय विदेशी निवेश और निजी क्षेत्र निवेश को प्रोत्साहन देगा।
पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के गुरुवार को संसद से इस्तीफे के बाद नए मंत्रालय गठित किए गए। राष्ट्रपति गोटाबाया ने महिला, बाल एवं सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय का भी गठन किया गया है। इस मंत्रालय में राष्ट्रीय बाल संरक्षण प्राधिकार और समृद्धि विकास विभाग समेत 15 संस्थान शामिल किए गए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, प्रमुख कारोबारी धम्मिका पेरेरा को तकनीक एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री बनाया जा सकता है। पेरेरा पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में 2005 से 2015 तक राजमार्ग मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं।
धम्मिका परेरा संसद में राष्ट्रपति के भाई की लेंगे जगह
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार श्रीलंका के सबसे अमीर व्यापारियों में से एक धम्मिका परेरा (Dhammika Perera) संसद में राष्ट्रपति के भाई की जगह लेंगे। सत्ताधारी पार्टी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रहा देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक बेलआउट योजना के लिए बातचीत पर आगे बढ़ रहा है।
1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब वित्तीय संकट में फंसा हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड स्तर तक गिर गया है, जिससे उसे ईंधन, भोजन और दवा के आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अप्रैल की शुरुआत में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कैबिनेट को भंग कर दिया था, जिसमें उनके छोटे भाई बासिल राजपक्षे शामिल थे, जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था। बासिल राजपक्षे ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह अपनी संसदीय सीट से भी इस्तीफा दे रहे हैं।
श्रीलंका जाएगा आइएमएफ प्रतिनिधिमंडल
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका भेजने की तैयारी में जुटा है। यह प्रतिनिधिमंडल वित्तीय व्यवस्था पर चर्चा करेगा। आइएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक कर्ज दाताओं के वित्तीय कार्यक्रम पर कदम बढ़ाने से पहले देश को कर्ज स्थिरता बहाल करने के कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में आइएमएफ श्रीलंका को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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