राष्ट्रपति बाइडन ने कहा- अमेरिका नाटो के 'हर इंच' की रक्षा करेगा, लेकिन यूक्रेन में सेना तैनात नहीं करेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कर दिया है कि नाटो या अमेरिका की सेना यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कर दिया है कि नाटो या अमेरिका की सेना यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि नाटो के एक-एक इंच भूमि की रक्षा की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को अपने देश को संबोधित करते हुए कहा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हमलावर हैं।पुतिन ने इस युद्ध को चुना है, और अब वह और उनका देश इसके परिणाम भुगतेंगे।
रूसी शेयर बाजार आज गिर गया। अब अमेरिका में उनकी हर संपत्ति बंद हो जाएगी। रूस के बड़े बैंक वीटीबी के अलावा 4 और रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगाने की उन्होंने घोषणा की। इस प्रतिबंध से अकेले अमेरिका में रूस की एक ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त होने की आशंका है।
बाइडन ने कहा अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ रूसी बैंकों की संपत्ति को भी ब्लॉक कर रहा है। इसके साथ ही रूसी निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। हम रूस के हाई-टेक आयात में कटौती करेंगे। संबोधन में बाइडन ने भारत की भी चर्चा की और कहा कि इस समस्या के बारे में उन्होंने अबतक भारत से बात नहीं की है।
बाइडन ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों की बीच इस मुद्दे पर चर्चा होगी। इस संकट के कारण तेल-गैस के दाम बेतहाशा बढ़ने की आशंका के बीच बाइडन ने उम्मीद जताई कि गैस कंपनियां कीमतें नहीं बढ़ाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका अतिरिक्त बैरल तेल रिलीज करेगा। उन्होंने कहा, किसी देश पर जबरन कब्जा करना गलत है और हम आजादी के लिए खड़े हैं।
रूस चाहता क्या है?
रूस चाहता है कि भले ही यूक्रेन दुनिया में स्वतंत्र देश के रूप में रहे, लेकिन उसका पूरा कंट्रोल रूस पर बना रहे। इसके लिए सत्ता परिवर्तन जरूरी है। इस जंग के जरिए रूस यही करने की कोशिश कर रहा है। हंगरी और चेकोस्लोवाकिया इसके उदाहरण हैं। ये दोनों देश रूस से अलग होने की कोशिश करने का अंजाम भुगत चुके हैं।