ड्रग गैंग पर पुलिस के छापे, हुई दोनों के मुठभेड़, एक पुलिसकर्मी समेत 25 लोगों की मौत
साथ ही ट्रेनों को रुकवाकर उसमें सवार यात्रियों संग लूटपाट की जाती थी.
ब्राजील (Brazil) के सबसे बड़े शहरों में से एक रियो डी जेनेरियो (Rio de Janeiro) में पुलिस और संदिग्ध ड्रग तस्करों (Drug traffickers) के बीच हुई गोलीबारी (Shootout) में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई है. ये राज्य में पुलिस की अब तक की सबसे घातक रेड है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. इस घटना के जारी हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि शहर के जैकेरिन्हो (Jacarezinho) इलाके में लोग पुलिस से बचने के लिए छतों पर छिपने की कोशिश कर रहे हैं.
टेलीविजन द्वारा प्रसारित वीडियो में देखा गया कि पुलिस बख्तरबंद गाड़ियों में सवार होकर आई है और इलाके के ऊपर हेलिकॉप्टर उड़ रहे हैं. वहीं, फायर फाइटर्स लोगों को घरों में रहने को बोल रहे हैं. पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है. इसके अलावा इस रेड में मारे गए अन्य 24 लोग संदिग्ध ड्रग तस्करी गैंग के सदस्य हैं. ये गैंग जैकेरिन्हो स्लम में गुंडागर्दी करता था. इसके सदस्य लोगों को परेशान करते थे और उनके पैसे भी छीन लेते थे.
मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस रेड की निंदा की
रियो राज्य में पिछले 16 सालों में हुई ये सबसे घातक पुलिस रेड है. राज्य ने दशकों से ड्रग से जुड़ी हिंसा का सामना किया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कई मानवाधिकार संगठनों ने इस खून-खराबे की आलोचना की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अश्वेत और गरीब लोगों वाले इस इलाके में हुई हत्याओं के लिए पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि ये पूरी तरह से निंदनीय और अनुचित है. संगठन के डायरेक्टर जुरेमा वरनेक ने कहा, इस पुलिस ऑपरेशन में जितने भी लोग मारे गए हैं, ये अनुचित है. वास्तव में यहां नरसंहार किया गया है.
पुलिस प्रमुख ने कहा, ऑपरेशन में मारे गए लोगों की ये अधिक संख्या
इससे पहले, 2005 में रियो शहर के बाहरी हिस्से में स्थित बाइक्सडा फ्लुमिनेंस इलाके में हुई पुलिस की रेड में 29 लोगों की मौत हुई थी. पुलिस प्रमुख रोनाल्डो ओलिवियेरा ने कहा कि रियो में हुए पुलिस ऑपरेशन में मारे गए लोगों की ये सबसे अधिक संख्या है. आखिरी बार 2007 में कॉम्प्लेक्सो एलेमोओ स्लम में हुई रेड में 19 लोग मारे थे, लेकिन उस दौरान हमने अपने एक भी साथी को नहीं खोया था. हालांकि, इस बार पुलिस रेड में हमें अपने एक साथी को गंवाना पड़ा है.
तीन महीने में पुलिस के हाथों मारे गए 453 लोग
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने कहा कि रियो डी जनेरियो के अभियोजकों पर पुलिस की देखरेख करने और पुलिस के अत्याचारों की आपराधिक जांच करने का संवैधानिक दायित्व है. इसने मौतों की गहन और स्वतंत्र जांच का आह्वान किया है. HRW ने कहा कि इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही पुलिस की कार्रवाई में 453 लोगों की मौत हुई है. पुलिस का कहना है कि ये ड्रग ट्रैफिकिंग गैंग माल से लदे हुए ट्रकों को लूटता था. साथ ही ट्रेनों को रुकवाकर उसमें सवार यात्रियों संग लूटपाट की जाती थी.