पुलिस ने बरामद की थी 2 साल से ज्‍यादा समय तक गायब मोनालिसा की पेंटिंग, जानें कहां से मिला

पेरिस के लूव्र म्‍यूजियम में लगी मोनालिसा की पेंटिंग दुनिया की सबसे रहस्‍यमयी, महंगी और चर्चित पेंटिंग है.

Update: 2021-12-11 05:43 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पेरिस (Paris) के लूव्र म्‍यूजियम में लगी मोनालिसा (Monalisa) की पेंटिंग दुनिया की सबसे रहस्‍यमयी, महंगी और चर्चित पेंटिंग (Painting) है. इस पेंटिंग के बारे में अब तक सबसे ज्यादा लिखा, पढ़ा और रिसर्च किया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि आज इस पेंटिंग की कीमत करीब 867 मिलियन डॉलर है, जिसकी भारतीय कीमत करीब 6.4 हजार करोड़ रुपये है. इस पेंटिंग को आज से करीब 500 साल पहले मशहूर पेंटर लिओनार्दो डा विन्चीने बनाया था. लिओनार्दो डा विन्‍ची ने इस पेंटिंग को साल 1503 में बनाना शुरू किया था और इस पेंटिंग को पूरा होने में 14 साल का समय लगा था. इस पेंटिंग की खूबसूरती के बारे में जितनी चर्चा होती है, उतनी ही चर्चा इस पेंटिंग के चोरी होने के बारे में भी होती है. बता दें कि 21 अगस्त 1911 को मोनालिसा की ये पेंटिंग चोरी हो गई थी जिसे दो साल से अधिक समय के बाद 11 दिसंबर 1913 को बरामद किया गया था.

बता दें कि अगस्‍त 1911 में म्‍यूनियम में रखी सभी पेंटिंग्‍स पर कांच की फ्रेम और बाकी आर्टवर्क किया जा रहा था. इस काम को पूरा करने के लिए कई तरह के कारीगर लगाए गए थे. इस काम को करने के लिए पेंटिंग्‍स को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाया जा रहा था. इसी बीच मोनालिसा की पेंटिंग किसी ने गायब कर ली और लोगों को पता भी नहीं चला. हर किसी को लगा कि पेंटिंग किसी दूसरी जगह पर रखी है. जब पेंटिंग को ढूंढा गया तो पेंटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं लगी. कुछ समय बाद ही इस बात की भी पुष्टि हो गई कि पेंटिंग अब चोरी हो चुकी है.
पुलिस को उम्‍मीद थी कि पेंटिंग चोरी करने वाला फोनकर पैसों की मांग करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद पुलिस ने कई टीम बनाई और पेंटिंग को ढूंढना शुरू किया गया. पेंटिंग को चुराने वाला चोर इतना शातिर था कि उसने बहुत कम सुराग ही छोड़े थे, जिसके कारण उस तक पहुंचना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल हो रहा था. छानबीन में पुलिस को म्‍यूजियम की सीढ़ी पर दरवाजे का नॉब, लकड़ी की फ्रेम और कांच का टुकड़ा पड़ा मिला. पूछताछ में एक प्लंबर ने बताया कि उसने दरवाजे की नॉब को खोलने में एक व्यक्ति की मदद की थी. इसके बाद लकड़ी के फ्रेम पर मौजूद फिंगरप्रिंट से वहां मौजूद लोगों के फिंगरप्रिंट को मैच कराया गया लेकिन किसी के भी फिंगरप्रिंट उससे मैच नहीं खा रहे थे.
पुलिस ने मोनालिसा की पेंटिंग के 6 हजार पोस्टर्स लोगों में बंटवाए. 7 सितंबर को पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया. इस संदिग्‍ध ने बताया कि मोनालिसा की पेंटिंग मशहूर पेंटर पाब्लो पिकासो ने चोरी की है. पुलिस ने पिकासो से भी पूछताछ की, लेकिन उनके पास से कोई जानकारी नहीं मिली. दो साल तक इस मामले में पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा. इसी बीच फ्लोरेंस के एक आर्ट डीलर के पास एक लेटर आया. इस लेटर को विन्सेन्जो नाम के एक शख्स ने भेजा था जिसमें लिखा था कि उसके पास मोनालिसा की पेंटिंग है. डीलर ने इस पेंटिंग को खरीदने के लिए एक होटल में मीटिंग तय की. विन्‍सेन्‍जो जब पेंटिंग लेकर वहां पहुंचा तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि विन्सेन्जो म्यूजियम में पेंटिंग में कांच लगाने का काम करता था. कांच लगाने के दौरान ही उसने मोनालिसा की पेंटिंग चोरी कर ली थी. विन्सेन्जो को पेंटिंग चोरी करने के जुर्म में एक साल 15 दिन की सजा सुनाई गई, हालांकि वह 7 महीने बाद ही रिहा हो गया.


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