इमरान को PM शहबाज की चेतावनी, बोले- गृहयुद्ध भड़काना बंद करो, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान को देश में गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान को देश में गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। शहबाज ने रविवार को इमरान के एबटाबाद भाषण को पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश करार दिया। शहबाज ने कहा, "पाकिस्तान के 22 करोड़ लोग संविधान और राष्ट्रीय संस्थाएं एक व्यक्ति के अहंकार के गुलाम नहीं हैं। इमरान नियाजी जनता को गुलाम बनाना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें पाकिस्तान का हिटलर नहीं बनने देंगे। इमरान नियाजी ने बहुत झूठ बोला, लेकिन अब उन्हें सच्चाई का सामना करना पड़ेगा।"
शहबाज ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ कहानी गढ़ने वाले मीर जाफर और मीर सादिक थे। उन्होंने खान की तुलना मीर जाफर और मीर सादिक से की, जो पाकिस्तान को लीबिया और इराक जैसा बनाना चाहते हैं। मालूम हो कि मीर सादिक मैसूर के टीपू सुल्तान के मंत्री थे। 1798-99 में चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में श्रीरंगपट्टनम की घेराबंदी के दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान को धोखा दिया, जिससे ब्रिटिश जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ।
'पाकिस्तान के संविधान और राष्ट्रीय संस्थानों को दी चुनौती'
शहबाज ने कहा कि इमरान खान उसी हाथ को काट रहे थे जिसने उन्हें खिलाया था। एबटाबाद में रैली के दौरान इमरान के भाषण का जिक्र करते हुए शहबाज ने कहा कि आज पाकिस्तान की स्थिति, संविधान और राष्ट्रीय संस्थानों को चुनौती दी गई है, इसलिए पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
'यह राजनीति नहीं, पाकिस्तान के खिलाफ साजिश'
शहबाज ने आगे कहा कि इमरान खान राजनीति में साजिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति के अहंकार और झूठ के आधार पर पाकिस्तान की बलि नहीं दी जा सकती। पहले इमरान नियाजी ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को डुबाने की साजिश रची और अब वह गृहयुद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहा है।"
इमरान खान ने क्या कहा था?
इससे पहले, एबटाबाद में रैली में इमरान खान ने पीएम शहबाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया कि वह भिखारी, नौकर और चोर थे। इमरान ने दावा किया, "शरीफ परिवार ने जो झूठ बोला है, मैंने पहले कभी किसी को इस तरह के झूठ को फैलाते नहीं देखा। देखिए कि जब आयातित सरकार सत्ता में आई, तो सभी सामानों की कीमतें बढ़ गईं। चोरी के पैसे विदेश भेजे जाने पर पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का मूल्य बढ़ गए हैं।"