फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन के छह महीने ही काम हो रहा प्रभावकारी, डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आने का बढ़ेगा खतरा
जबकि अन्य वैरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता 97 फीसद से घटकर 67 फीसद है।
कोरोना रोधी वैक्सीन फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन टीकाकरण के छह महीने बाद सिर्फ 47 फीसद ही प्रभावकारी रहेगी। बूस्टर शाट्स की आवश्यकता पर निर्णय लेते समय यू.एस. स्वास्थ्य एजेंसियों ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन में पता चला है कि वैक्सीन का असर टीकाकरण के बाद छह महीने में कम हो गया। इसके मुताबिक, कोरोना संक्रमण से बचाने में 88 फीसद तक असरदार फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन टीकाकरण के छह महीने बाद सिर्फ 47 फीसद ही असरदार होगी। इस तरह डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाएगा।
यह डाटा लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ था। विश्लेषण में पाया गया कि टीके की प्रभावकारिता छह महीने तक 90 फीसद रही। इस दौरान वैक्सीन की वजह से कोविड मरीजों को गंभीर स्थिति के जोखिम को कम करने में मदद मिली। इसके साथ ही कोरोना के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट से भी बचाव हुआ। समय के साथ वैक्सीन का असर कम होने की वजह से उसकी प्रभावकारिता में यह कमी दर्ज की गई ना कि अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट की वजह से।
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ फाइजर वैक्सीन टीकाकरण के एक महीने तक 93 फीसद तक असरदार है, चार महीने में कम होकर इसका असर 53 फीसद हो गया, जबकि अन्य वैरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता 97 फीसद से घटकर 67 फीसद है।
फाइजर वैक्सीन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य चिकित्सा अधिकारी लुइस जोदार ने कहा, 'हमारा वैरिएंट-विशिष्ट विश्लेषण स्पष्ट रूप से दिखाता है कि (फाइजर/बायोएनटेक) टीका डेल्टा समेत कोरोना के मौजूदा सभी संक्रामक वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।'