काठमांडू की सड़कों पर उतरे लोग, चीनी राजदूत के खिलाफ नारेबाजी

मालूम हो कि इससे पहले स्वतंत्र नागरिक समाज ने भी चीन की हरकतों के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

Update: 2022-01-14 05:34 GMT

नेपाल (Nepal) में चीन (China) की बढ़ती दखलंदाजी के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे और चीनी राजदूत होउ यांकी (Hou Yanqi) की तस्वीरें जलाईं. नेपाल के हिंदू नागरिक समाज ने 'राष्ट्रीय एकता अभियान' के तहत देश के आंतरिक मामलों में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ बुधवार को काठमांडू में विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान, नाराज प्रदर्शनकारियों ने चीनी राजदूत होउ यांकी की तस्वीरें भी जलाईं.

Chinese Ambassador वापस जाओ
काठमांडू की सड़कों पर जमा प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी नारे लगाते हुए कहा कि चीनी राजदूत (Chinese Ambassador) को नेपाल के आंतरिक मामलों में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करने की आदत छोड़नी चाहिए. उन्होंने रासुवागढ़ी तातोपानी में अघोषित नाकाबंदी और राजनयिक सीमाओं को पार करने के लिए भी होउ यांकी को लताड़ा. प्रदर्शनकारियों के हाथ में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, 'चीनी राजदूत यांकी वापस जाओ'.
China के खिलाफ बढ़ रहा है गुस्सा
इस संगठन ने मंगलवार को भी जनकपुर के जनक चौक पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया था. जैसे-जैसे चीन नेपाल में विवादास्पद दृष्टिकोण सहित राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उपस्थिति बढ़ा रहा है, नेपालियों में उसके खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. देशभर में चीन विरोध-प्रदर्शन आयोजित करते हुए लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. पूर्व में भी ऐसे विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
ड्रैगन ने नेपाल में तेज की गतिविधियां
चीन ने नेपाल में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है. चीनी राजदूत की नेपाल की सरकार के कामकाज में दखलंदाजी पहले भी कई बार सामने आ चुकी है. होउ यांकी और पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. कहा जाता है कि ओली ने ही नेपाल में चीन को पैर जमाने में मदद की थी. अब अधिकांश नेपाली चाहते हैं कि चीन को सीमित किया जाए और उसके राजदूत को अनावश्यक हस्तक्षेप करने से रोका जाए. मालूम हो कि इससे पहले स्वतंत्र नागरिक समाज ने भी चीन की हरकतों के खिलाफ प्रदर्शन किया था.


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