म्यांमार में सड़कों पर उतरे लोग, चार की मौत, सेना ने प्रदर्शनकारी के सिर में मारी गोली
म्यांमार में चुनी हुई
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: म्यांमार में चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर उस पर सेना के कब्जा किए जाने के बाद से ही वहां लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. म्यांमार के आम लोग सेना के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर हैं और हर दिन उनकी सेना से झड़प हो रही है. रविवार को ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम चार लोगों की हत्या कर दी गई. दावा किया जा रहा है कि सेना की गोली से इन लोगों की मौत हुई है. सेना पिछले महीने के तख्तापलट के बाद जन्मे असंतोष को दबाने के लिए लगातार हिंसक कार्रवाई कर रही है.
देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सेना की गोली से दो लोग मारे गए. उनमें से एक को सिर में गोली लगी और दूसरे को पेट में गोली मारी गई थी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक उत्तरी शहर हापाकांत में प्रदर्नकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में तीसरे व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं देश के दूसरे सबसे बड़े शहर, मांडले में चौथे शख्स की मौत हुई है. यहां पर महिला की सिर में गोली लगने से एक व्यक्ति मौत हो गई. बता दें कि अभी तक म्यांमार में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.
यांगून में, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में लोगों की भीड़ दिखाई दे रही जिसमें से कुछ लोगों ने टोपी और गैस मास्क पहने हुए हैं, गोलियों की आवाज के बीच ये लोग सड़क पर इधर-उधर भागते हुए दिख रहे हैं.
शनिवार को म्यांमार के नागरिक नेताओं ने 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद सेना की हिरासत में लिए हुए नेताओं को आजाद कराने के लिए "क्रांति" का समर्थन जारी रखने की कसम खाई थी. उन्होंने कहा था, "हम एक अन्यायी सेना को कभी नहीं छोड़ेंगे, और अपनी एकजुट शक्ति के साथ अपने भविष्य को संवारेंगे. हमारा मिशन पूरा होना चाहिए. " संदेश के अंत में, उन्होंने तीन-उंगली की सलामी दी, जो सैन्य शासकों के प्रतिरोध का प्रतीक बन गया.
हालांकि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि शनिवार को वहां 7 लोगों की मौत विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई. दावों के मुताबिक दक्षिण-मध्य म्यांमार में दो, और यांगून के एक उपनगर ट्वेंटे में एक की मौत हो गई. सभी सात मौतों की जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट्स पर दी जा रही है.