बांग्लादेश की संसद ने खारिज किया Working Couple की शादी का प्रस्ताव, दिया ऐसा तर्क कि सुनकर सिर चकरा जाएगा
बांग्लादेश के एक सांसद ने बेरोजगारी की समस्य हल करने के लिए ऐसा प्रस्ताव पेश किया कि सदन में ठहाके गूंजने लगे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बांग्लादेश (Bangladesh) के एक सांसद ने बेरोजगारी की समस्या (Unemployment Issue) हल करने के लिए ऐसा प्रस्ताव पेश किया कि सदन में ठहाके गूंजने लगे. सांसद महोदय का कहना था कि कामकाजी लोगों (Working People) के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. इसके दो फायदे होंगे, पहला, नौकरों द्वारा बच्चों को प्रताड़ित करने के मामले थमेंगे और दूसरा, मुल्क में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी. हालांकि, संसद ने निर्दलीय सांसद के इस अजीबोगरीब प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार कर दिया.
MP Karim ने कही ये बात
सांसद रजौल करीम (Lawmaker Rezaul Karim) ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि कामकाजी जोड़ों (Working Couple) के बच्चों को अक्सर घरेलू नौकरों (Housemaids) द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था. यदि वर्किंग कपल की शादी पर रोक लगती है, तो इस तरह के मामले अपने आप कम हो जाएंगे.
'दोनों की एक ही चाहत'
सांसद करीम ने आगे कहा कि नौकरी करने वाले पुरुष कामकाजी महिलाओं से शादी करना चाहते हैं, वैसे ही नौकरी करने वाली महिलाएं भी नौकरीपेशा पुरुषों के साथ घर बसाना चाहती हैं. अगर यह सिलसिला जारी रहा तो आप देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकते. रजौल करीम की बात सुनते ही सदन में ठहाके गूंजने लगे. कई सहयोगियों ने इस प्रस्ताव पर तीखी आपत्ति भी जताई.
Law Minister ने लगाई फटकार
बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक (Law Minister Anisul Huq ) ने प्रस्ताव को अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताया. उन्होंने कहा कि अगर मैं प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता हूं तो मैं सदन से दो कदम दूर नहीं जा सकता, यह असंवैधानिक है. कानून मंत्री ने आगे कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वह इस तरह के अजीबोगरीब प्रस्ताव को स्वीकार कर अपने करियर को खतरे में नहीं डाल सकते.
Rape पर दिया था अजीब बयान
करीब 2018 में पहली बार उत्तरपश्चिम बोगरा जिले (Bogra District) के एक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने थे. पिछले साल भी उन्होंने एक अजीब बयान दे डाला था, जिस पर जमकर बवाल हुआ था. सांसद महोदय का कहना था कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं की वजह नारीवादी अभियान (Feminist Campaigns) हैं. कई महिला संगठनों ने सांसद के इस बयान की निंदा की थी. उनके कई सहयोगियों ने भी बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.