कोरोना पॉजिटिव बच्चे को जानबूझकर स्कूल भेजते रहे पैरेंट्स, स्कूल प्रबंधन को नहीं थी कोई जानकारी

कोरोना की रफ्तार बढ़ने के पीछे लोगों की लापरवाही सबसे बड़ी वजह है.

Update: 2021-12-07 06:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना (Coronavirus) की रफ्तार बढ़ने के पीछे लोगों की लापरवाही सबसे बड़ी वजह है. अमेरिका (America) के कैलिफोर्निया में एक परिवार ने यह जानते हुए भी अपने बच्चे को स्कूल भेज दिया कि वो कोरोना संक्रमित (Corona Infected) है. जिसकी वजह से सात अन्य स्टूडेंट वायरस की चपेट में आ गए और 75 को क्वारंटीन होना पड़ा. कोरोना पॉजिटिव छात्र नील कमिंस एलीमेंट्री स्कूल में पढ़ता है और संक्रमित होने के बावजूद उसके पैरेंट्स उसे लगातार स्कूल भेजते रहे.

खतरे को जानते हुए भी भेजा स्कूल
हमारी सहयोगी वेबसाइट के अनुसार, स्टूडेंट (Student) के माता-पिता (Parents) इस बात को अच्छे से समझते थे कि उनका कोरोना संक्रमित बच्चा दूसरे बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है. इसके बावजूद वो लगातार उसे स्कूल भेजते रहे. नतीजतन सात अन्य बच्चे भी वायरस की चपेट में आ गए और 75 को क्वारंटीन करना पड़ा.
स्कूल को नहीं थी कोई जानकारी
मारिन काउंटी के लार्कसपुर-कोर्टे मदेरा स्कूल डिस्ट्रिक्ट के अधीक्षक डॉ गेथमैन (Dr Geithman) ने सीएनएन को बताया कि स्कूल को इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि उनके यहां पढ़ने वाला कोई बच्चा COVID पॉजिटिव है. मारिन काउंटी पब्लिक हेल्थ से उसे इस बारे में पता चला. उन्होंने कहा, 'हमें कोई जानकारी नहीं थी कि किसी बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और इसके बावजूद उसे स्कूल भेजा जा रहा है. मामला सामने आने के बाद जब हमने पता किया तो पाया कि संबंधित बच्चे के पैरेंट्स ने स्कूल को इस बारे में सूचित नहीं किया और उसे लगातार स्कूल भेजते रहे.
Parents ने किया नियमों का उल्लंघन
वहीं, मरीन काउंटी पब्लिक हेल्थ ने एक बयान जारी करते कहा है कि संबंधित पैरेंट्स की ये हरकत मरीन काउंटी स्टूडेंट एवं फैमिली हैण्डबुक ऑन कोरोना सेफ्टी और मरीन काउंटी आइसोलेशन एवं क्वारंटीन पब्लिक हेल्थ ऑर्डर का उल्लंघन है, जिसके तहत कोरोना पॉजिटिव आने वाले सभी लोगों को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन रहना अनिवार्य है.
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