डूरंड रेखा पर असहमति के बीच काबुल पहुंचे पाक के NSA, सुलझाएंगे विवाद
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ काबुल पहुंचे और तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी से शनिवार को मुलाकात की।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ काबुल पहुंचे और तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी से शनिवार को मुलाकात की। तालिबान और इस्लामाबाद के बीच डूरंड रेखा के मुद्दे को लेकर मतभेद पैदा हो गया है। इसी को लेकर यह मुलाकात हुई है।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत ने शनिवार को ट्वीट किया, 'हमारे एनएसए मोईद यूसुफ एक अंतरमंत्रालयी प्रतिनिधिमंडल के साथ काबुल में हैं। अपने दौरे की शुरुआत में उन्होंने कार्यवाहक विदेश मंत्री मुल्ला आमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की।'
डूरंड रेखा अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारित करती है। तालिबान डूरंड रेखा को नहीं मानता है। इस्लामिक संगठन यह नहीं चाहता है। पाकिस्तान अपनी सीमा के पार के पश्तूनों की आवाजाही पर नियंत्रण पाने के लिए सीमा पर तारबंदी कराना चाहता है। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना को तारबंदी करने से रोक दिया था।
पिछले कुछ अरसे से तालिबानी लड़ाके पाकिस्तान से लगी सीमा पर लगे इन बाड़ों को उखाड़कर इसे अपनी सीमा का उल्लंघन बता रहे हैं। 2670 किलोमीटर लंबी इस सीमा रेखा पर बाड़ लगाने का करीब 90 फीसद काम पाकिस्तान पूरा कर चुका है। हालांकि, अफगानिस्तान की ओर से सदियों पुरानी इस ब्रिटिश काल की डूरंड सीमा रेखा को लेकर आपत्ति जताई जाती रही है। इसे लेकर अफगानिस्तान का कहना है कि इस कदम से दोनों ही देशों के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस बीच नए सर्वे में पता चला है कि 95 फीसद अफगान पत्रकारों को समाचार कवर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देश के 34 प्रांतों में 500 से अधिक पत्रकारों को आजादी से काम नहीं करने दिया जा रहा है। तालिबान प्रशासन ने उन पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा रखी हैं।