पाकिस्तान-तालिबान का रिश्ता दोस्ती से दुश्मनी की तरफ बढ़ा

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा है कि वह ड्यूरंड रेखा पर पाकिस्तान को किसी भी तरह की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देगी

Update: 2022-01-06 12:02 GMT
Pakistan Taliban Fight: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा है कि वह ड्यूरंड रेखा (Durand Line) पर पाकिस्तान को किसी भी तरह की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देगी. सीमा पर बाड़बंदी के मुद्दे को लेकर दोनों पड़ोसी मुल्कों में बढ़ रहे तनाव के बीच अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है. मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई. अफगानिस्तान में इस समय तालिबान की सरकार है, जो पाकिस्तान का बेहद करीबी है. पाकिस्तान ने ही इस संगठन को अफगानिस्तान पर कब्जा करने में मदद की थी. लेकिन अब इन दोनों की दोस्ती दुश्मनी की तरफ बढ़ती जा रही है.
तालिबान कमांडर मौलवी सनाउल्ला संगीन ने अफगानिस्तान के 'टोलो न्यूज' से बुधवार को कहा, 'हम (तालिबान) कभी, किसी भी तरीके की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने (पाकिस्तान) पहले जो भी किया, वो कर लिया. अब हम आगे इसकी इजाजत नहीं देंगे. अब कोई बाड़बंदी नहीं होगी.' संगीन का यह बयान तब आया है, जब पाकिस्तान (Pakistan Fight With Taliban) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मामले को कुटनीतिक माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से हल कर लिया जाएगा.
कुरैशी ने मुद्दा सुलझाने की बात कही
कुरैशी ने सोमवार को इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा था, 'कुछ उपद्रवी तत्व इस मुद्दे को बिना वजह उछाल रहे हैं, लेकिन हम इस पर गौर कर रहे हैं. हम अफगानिस्तान सरकार के साथ संपर्क में हैं. उम्मीद है कि हम कूटनीतिक तरीके से इस मुद्दे को सुलझा लेंगे.' ड्यूरंड रेखा (What is Durand Line) की बात करें, तो यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस स्थान पर हल्की फुल्की झड़प की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं.
बाड़बंदी का 90 प्रतिशत काम पूरा
पाकिस्तान ने काबुल की आपत्तियों के बावजूद इस सीमा पर बाड़बंदी का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. अफगानिस्तान का कहना है कि अंग्रेजों के शासन काल की इस सीमाबंदी ने दोनों ओर के कई परिवारों को बांट दिया है. जबकि पाकिस्तान इसपर जोर शोर से काम कर रहा है (Pakistan Taliban News). पाकिस्तान को जहां लगता था कि तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद उसे फायदा होगा, वैसा हुआ नहीं. क्योंकि जब से इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाई है, तब से पाकिस्तान में आतंकी हमले भी रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज हुए हैं.
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