ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान ने ईसाई युवक को रखा पांच साल तक जेल में, अब मिली जमानत

लाहौर हाई कोर्ट ने सोमवार को नबील मसीह की जमानत मंजूर की।

Update: 2021-03-02 13:16 GMT

पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में करीब पांच साल से जेल में बंद एक ईसाई युवक को अब जाकर जमानत मिली है। उसे बगैर ट्रायल के ही इतने समय तक जेल में रखा गया।

लाहौर हाई कोर्ट ने सोमवार को नबील मसीह की जमानत मंजूर की। सुनवाई के दौरान नबील के वकील ने कोर्ट से कहा, 'मेरा मुवक्विल करीब पांच वर्षो से सलाखों के पीछे है और उसके ट्रायल में कोई प्रगति नहीं हुई है। फारेंसिक रिपोर्ट से भी यह साबित हो चुका है कि वाट्सएप ग्रुप पर डाला गया कथित ईशनिंदा पोस्ट नबील ने तैयार नहीं किया था। उस समय वह नाबालिग था। ऐसा लगता है कि मौलवियों और स्थानीय लोगों के दबाव में पुलिस ने नबील पर एफआइआर दर्ज की थी।'

इस एफआइआर के आधार पर लाहौर से 50 किलोमीटर दूर कसूर शहर में नबील को जब गिरफ्तार किया गया था, तब वह महज 16 साल का था। उसे वाट्सएप ग्रुप पर ईशनिंदा सामग्री साझा करने के आरोप में पकड़ा गया था।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा पर सख्त कानून बनाए गए हैं। ईशनिंदा के आरोपित व्यक्ति को अपनी पसंद का वकील तक मुहैया नहीं हो पाता है। ज्यादातर वकील ऐसे संवेदनशील मामलों को लेने से इन्कार कर देते हैं।


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