राजनीति के लिए क्रिकेट को घसीट रहा है पाकिस्तान, चुनाव के बाद Pok में आयोजित होगी 'कश्मीर प्रीमियर लीग'

चुनाव के बाद Pok में आयोजित होगी ‘कश्मीर प्रीमियर लीग’

Update: 2021-07-06 09:05 GMT

पाकिस्तान (Pakistan) ने इस बार कश्मीर का राग अलापने के लिए खेल का सहारा लिया है. इमरान खान जो खुद एक क्रिकेटर रह चुके हैं अब क्रिकेट (Cricket) को राजनीति में घसीट रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे कश्मीर (Pok) में कश्मीर प्रीमियर लीग टी-20 का आयोजन किया जाएगा. ये टूर्नामेंट 6 से 16 अगस्त तक चलेगा जिसमें पाकिस्तान के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे.

पाकिस्तान का कहना है कि इस टूर्नामेंट का लाइव प्रसारण पूरी दुनिया में किया जाएगा. कश्मीर प्रीमियर लीग में बाग स्टैलियन, मीरपुर रॉयल्स, मुजफ्फराबाद टाइगर्स, ओवरसीज वॉरियर्स, कोटली लायंस और रावलाकोट हॉक्स टीमें हिस्सा लेंगी. विदेशी खिलाड़ियों की बात करें तो इसमें श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मैट प्रायर और मोंटी पनेसर, हर्शल गिब्स हिस्सा लेंगे.
अनुभवी पाकिस्तानी खिलाड़ी होंगे शामिल
दावा किया जा रहा है कि इसमें और भी विदेशी खिलाड़ी शामिल होंगे. पाकिस्तानी खिलाड़ियों की बात करें तो पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी, शोएब मलिक, मोहम्मद हफीज, सोहेल तनवीर, शादाब खान, शान मसूद, इफ्तिखार अहमद, शर्जील खान, खुशदिल शाह, मोहम्मद इरफान इस लीग में खेलेंगे.
आयोजकों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सभी मैच मुजफ्फराबाद के क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किए जाएंगे. अभी तक इस टूर्नामेंट पर भारत सरकार की आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है. हालांकि कश्मीर को लेकर भारत का रुख स्पष्ट है. पीओके और गिलगित-बल्टिस्तान भारत का हिस्सा हैं जिन पर पाकिस्तान का अवैध रूप से कब्जा है.
पीओके में चुनाव करा रहा पाकिस्तान
एक ओर पाकिस्तान भारत के साथ शांति बनाए रखने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर अपनी नापाक हरकतों के कारण रिश्तों में तनाव उत्पन्न करता है. ये जानते हुए कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है, वहां चुनाव कराए जा रहे हैं. पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में 25 जुलाई को चुनाव होने वाले हैं, जिसके तहत विधानसभा के सदस्य चुने जाएंगे. यहां का एक अलग चुनाव आयोग भी है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ही कश्मीर काउंसिल के अध्यक्ष होने के नाते क्षेत्र के सर्वेच्च पद पर बने हुए हैं. यानी चुनाव कराना किसी ढकोसले से कम नहीं है. इस क्षेत्र की विधानसभा में 53 सीट हैं, जिनमें से 33 सदस्यों का चुनाव सीधे 10 जिलों से होता है. जबकि पाकिस्तान के चार प्रांतों में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों को 12 सीट दी जाती हैं. एक सीट विदेशी कश्मीरी के लिए होती है और पांच महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. वहीं एक-एक सीट टेक्नोक्रैट और उलेमा-ए दीन के लिए होती है.


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