पाक में पूरे एशिया में सबसे अधिक स्तन कैंसर की दर,हर साल इससे 40 हजार महिलाओं की मौत

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान का स्वास्थ्य क्षेत्र भी बेहद बदहाली का सामना कर रहा है।

Update: 2020-11-30 14:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान का स्वास्थ्य क्षेत्र भी बेहद बदहाली का सामना कर रहा है।पाकिस्तान में स्तन कैंसर की दर समूचे एशिया में सबसे ज्यादा है। पाकिस्तान में हर साल करीब 90 हजार महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित पाई जाती हैं, जिनमें से करीब 40 हजार की मौत हो जाती है। पाकिस्तान की सरकार के लिए के लिए ये आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। पाकिस्तनी समाचार पत्र डॉन ने अपनी रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि प्रत्येक 10 पाकिस्तानी महिलाओं में से एक को उसके जीवन में स्तन कैंसर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इन आंकड़ों का जिक्र रविवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित आयोग 'कॉमसैट्स' द्वारा आयोजित वेबिनार 'ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस : गिव होप, सेव लाइव्स' में किया गया।
पूर्व राजदूत एवं 'कॉमसैट्स' में सलाहकार फौजिया नसरीन ने वेबिनार में कहा कि समाज में कैंसर से संबंधित जागरुकता बढ़ाए जाने और उचित सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। इस दौरान, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के रेडियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉक्टर फरहीन रजा ने बीमारी को लेकर समुदाय आधारित स्वास्थ्य शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं स्वास्थ्य सेवा अकादमी में पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर और डब्ल्यूएचओ पाकिस्तान में सलाहकार समीना नईम ने बीमारी से जुड़ी रूढ़ियों को खत्म करने पर जोर दिया।
ऐसे में जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे बदहाल दौर में है यह रिपोर्ट इमरान सरकार की चिंता बढ़ाने वाली है। हालात ये हैं कि इमरान सरकार एक ओर कोरोना से लड़ रही है तो दूसरी ओर नकदी के संकट से निजात पाने को जद्दोजहद कर रही है।
बता दें कि पाकिस्तान ने नकदी संकट से निजात पाने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की शरण ली है। एडीबी ने 30 करोड़ डॉलर (करीब 2,400 करोड़ भारतीय रुपये) का सशर्त कर्ज के रूप में स्वीकृत किया है। इस रकम से पाकिस्तान को अपनी आर्थिक गतिविधियों और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। एडीबी ने यह फैसला जी-20 के 14 सदस्य देशों द्वारा पाकिस्तान को कर्ज पर दिए जाने वाले 80 करोड़ डॉलर के माल के सौदों पर रोक लगाने के बाद लिया है।


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