इमरान सरकार में पाकिस्तान पत्रकारों के लिए ज्यादा खतरनाक बना: प्रेस फ्रीडम इंडेक्स
इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान पत्रकारों के लिए ज्यादा खतरनाक बन गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान पत्रकारों के लिए ज्यादा खतरनाक बन गया है। पाकिस्तान प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में छह अंक फिसलकर 145वें स्थान पर पहुंच गया है। पाकिस्तानी समाचार पत्र द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोटर्स सैन्स फ्रंटियर्स ने वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स, 2021 जारी किया है। इसके अनुसार, पत्रकारों के लिए चार सबसे घातक देशों में से दो दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल हैं। 2017 में पाकिस्तान 139वें स्थान पर था। स्थिति ज्यादा खराब हुई है। इस सरकार में प्रेस पर हमले को 'मजाक' करार दे दिया जाता है।
30 साल में 138 मीडियाकर्मियों की मौत
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रेस की स्वतंत्रता पाकिस्तान में लंबे समय से समस्या रही है, लेकिन इमरान सरकार के आने के बाद। इंटननेशनल फेडरेशन आफ जर्नलिस्ट्स (आइएफजे) ने पाकिस्तान को पत्रकारिता के लिए पांचवां सबसे खतरनाक देश बताया है। देश में 1990 से 2020 के बीच ड्यूटी के दौरान 138 मीडियाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है।
एक हजार वेबसाइट ब्लाक
रिपोर्ट में कहा गया है, 2006 से पाकिस्तान सरकार डिजिटल पत्रकारों को भी निशाना बना रही है। पिछले 14 सालों में ईशनिंदा के नाम पर पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण एक हजार से ज्यादा वेबसाइटों को ब्लाक कर चुका है। डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तानी सरकार ने डेटा को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट फ़िल्टरिंग टूल और ब्लाकिंग सिस्टम के लिए एक करोड़ अमेरिकी डालर का अनुमानित बजट आवंटित किया है।