पाकिस्तान सरकार की बड़ी मुश्किल, चीन अब नहीं देना चाहता ऋण

खस्ता हाल पाकिस्तान का उसके रहनुमा चीन ने भी साथ छोड़ दिया है।

Update: 2021-05-09 17:30 GMT

खस्ता हाल पाकिस्तान का उसके रहनुमा चीन ने भी साथ छोड़ दिया है। पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी मेनलाइन-1 रेलवे परियोजना के लिए छह अरब डालर (करीब 45 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज देने से चीन पीछे हट गया है। पाकिस्तान की जर्जर हालत में कर्ज की अदायगी न होने की स्थिति को देखते हुए उसने अपना इरादा बदला।

कोरोना महामारी के बाद चीन ने पाकिस्तान में चल रही कई परियोजनाओं की अब दोबारा समीक्षा करना शुरू कर दिया है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर (सीपीइसी) के तहत चल रही योजनाओं में रेलवे की परियोजना एमएल-1 भी है। इस योजना में चीन ने पाकिस्तान को 6 अरब डालर का ऋण देने की सहमति दी थी। पिछले दिनों इसके प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच समझौता भी हुआ था। पाकिस्तान ने ऋण के लिए सभी औपचारिकता पूरी कर दी थीं। यह योजना पूर्व में 9 अरब डालर की थी। जिसे बाद में घटाकर 6.9 अरब डालर का कर दिया गया था।
बीजिंग ने इस ऋण को लेकर 30 मार्च को अपने संबंधित विभागों के साथ बैठक की थी। जिसमें पाकिस्तान की खस्ता हालत को देखते हुए माना गया था कि इस ऋण की अदायगी में मुश्किल होगी।
पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार चीन ने इस परियोजना को लेकर अपनी चिंता से अवगत करा दिया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस ऋण की अदायगी के लिए कोई ठोस प्रस्ताव चीन को नहीं दे सका है।
ज्ञात हो कि इस परियोजना में पेशावर से कराची तक रेल लाइन बिछाने का कार्य किया जाना था। यह परियोजना पाक के चार राज्यों से गुजरेगी।


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