भारत ने तालिबान से की बात तो बौखलाया पाकिस्तान, NSA ने पार की हदें, उगला जहर
अपने पड़ोसी या अपने क्षेत्र को नहीं बदल सकता. हमें यह स्वीकार करना होगा और शांति से रहना होगा.
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है. खासतौर से तालिबान के बढ़ते वर्चस्व और अफगान सेना के लगातार कमजोर होने की वजह से. संभावित खतरों और अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर भारत ने तालिबान के नेताओं से बात की. बस इसी बात से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. वह इतना ज्यादा बौखला गया है कि उल-जुलूल बातें करने करना लगा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) डॉक्टर मोइद यूसुफ ने सारी हदें पार करते हुए भारत के खिलाफ जहर उगला है. डॉक्टर यूसुफ ने कतर में तालिबान के साथ भारत की बातचीत को 'बेशर्मी' करार दिया है. पाकिस्तानी मीडिया डॉन से बातचीत में डॉक्टर मोइन ने कहा कि भारत ने हमेशा ही अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ ऑपरेशन का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहूंगा कि किस नैतिकता के आधार पर भारत के अधिकारियों ने तालिबान के साथ बैठक की. क्या ऐसा करते हुए उन्हें शर्म महसूस नहीं हुई.'
कतर में हुई थी मुलाकात
ऐसी खबरें आई थीं कि भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने बीते तीन हफ्तों में दो बार कतर में तालिबान के नेताओं से बातचीत की थी. इससे पहले ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारतीय अधिकारियों ने कतर की राजधानी दोहा की गुपचुप यात्राएं कीं और इस दौरान तालिबान के नेताओं से बैठक की. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा था कि अफगानिस्तान के विभिन्न धड़ो से भारत बातचीत कर रहा है.
पाक NSA ने उगला जहर
पाकिस्तान के NSA मोइन यूसुफ ने कहा, 'भारतीय चाहते हैं कि तालिबानी रोज अफगानिस्तान में मारे जाएं. वे तालिबान के खिलाफ ऑपरेशन के लिए फंड भी मुहैया कराते हैं. अब वो बातचीत के लिए कैसे वहां पहुंच सकते हैं.' उन्होंने कहा कि यह मुलाकात एक राष्ट्रीय शर्म का विषय है न कि रणनीतिक कदम. उन्होंने यह भी कहा कि तालिबानी मूर्ख नहीं हैं, जो भारत की बातों में आ जाएंगे.
परदे के पीछे कोई बातचीत नहीं
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह भी कहा कि भारत के साथ परदे के पीछे किसी तरह की कोई बातचीत नहीं चल रही है. उन्होंने कहा, 'भारत ने हमसे संबंध ठीक करने के लिए संपर्क किया था. मगर हमने उनसे कश्मीर में अगस्त 2019 से पहले की स्थिति को बहाल करने को कहा है. हमें उनके जवाब का इंतजार है.'
तालिबान ने कही ये बात
इस बीच तालिबान ने कहा है कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण समझौते बनाए रखने में विश्वास रखता है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत और कश्मीर के संबंध में बात रखते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत हमारे पड़ोसी देश हैं. कोई भी देश अपने पड़ोसी या अपने क्षेत्र को नहीं बदल सकता. हमें यह स्वीकार करना होगा और शांति से रहना होगा.