पाक सेना आलोचना करने वाले पत्रकारों को दे रही धमकी, पढ़ें क्या है पूरा मामला

Update: 2022-07-16 15:54 GMT
पेरिस, एएनआइ। पाकिस्तान (Pakistan) की राजनीति में सेना की भूमिका की आलोचना करने वाले पत्रकारों को धमकाने के मामले बढ़ गए हैं। पिछले दो महीनों में उन पत्रकारों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की राजनीति में सेना के हस्तक्षेप की आलोचना की थी।
मीडिया की आवाज को दबाने का पाकिस्तानी सेना पर आरोप
पेरिस स्थित मीडिया निगरानी संस्था रिपो‌र्ट्स विदाउट फ्रंटियर्स (आरएसएफ) ने पाकिस्तान की सेना पर मीडिया की आवाज को दबाने का अभियान चलाने का आरोप लगाया है। आरएसएफ ने कहा कि शहबाज शरीफ के सत्ता संभालने के बाद ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है। आरएसएफ ने पाकिस्तानी सेना को आगाह किया है कि इस तरह की गतिविधियां बंद नहीं हुई तो देश की लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर हो सकती है। आरएसएफ के एशिया-प्रशांत डेस्क के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि यही स्थिति बनी रही तो सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा पाकिस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता के पतन के लिए जिम्मेदार होंगे।
पाकिस्तान में सिंधियों और पश्तूनों के बीच जातीय संघर्ष
आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में सिंधियों और पख्तूनों के बीच जातीय संघर्ष भी तेज हो गया है। मंगलवार रात हैदराबाद के एक होटल में 35 वर्षीय बिलाल काका की हत्या कर दी गई। इसका वीडियो बुधवार को वायरल होने के बाद सिंध प्रांत के कई हिस्सों में सिंधी लोगों ने पश्तूनों को निशाना बनाकर हमले किए। पुलिस ने सिंध प्रांत में 160 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि नसीम नगर के होटल में मंगलवार सुबह पश्तून होटल के मालिक ने भोजन बिल के भुगतान को लेकर विवाद के बाद बिलाल को पहले पीटा और फिर मार डाला। घटना में उसके चार अन्य साथी घायल हो गए। घटना के बाद सोहराब गोठ के पास गुस्साई पश्तून भीड़ पुलिस से भिड़ गई। भीड़ ने एक कार में आग लगा दी और फायरिंग की। हैदराबाद, लरकाना, जमशोरो और प्रांत के कुछ अन्य शहरों में पश्तून द्वारा संचालित होटलों पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने की खबरें हैं।

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