श्रीलंकाई नागरिक लिंचिंग मामले में आरोपितों की सुनवाई अलग से करने का आदेश
लिंचिंग मामले में आरोपितों की सुनवाई अलग से करने का आदेश
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने श्रीलंकाई नागरिक लिंचिंग मामले में शामिल नौ किशोर आरोपितों की सुनवाई अलग से करने का आदेश दिया है। पिछले साल दिसंबर में पंजाब प्रांत में उन्मादी भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपों को लेकर श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अदालत ने देश भर में आक्रोश पैदा करने वाली इस बर्बर घटना में भूमिका के लिए पिछले हफ्ते 89 संदिग्धों को आरोपित माना।
लाहौर से करीब 100 किमी दूर सियालकोट जिले में हुई थी घटना
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों की भीड़ ने तीन दिसंबर, 2021 को गार्मेट कारखाने पर हमला किया और उसके 47 वर्षीय महाप्रबंधक प्रियनाथ कुमारा की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद उसके शव को जला दिया था। यह घटना लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले में हुई थी।
नौ नाबालिग संदिग्धों को अलग से चालान करने का दिया निर्देश
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, 'अदालत ने अभियोजन पक्ष को नौ नाबालिग संदिग्धों का अलग से चालान करने का निर्देश दिया है। उनकी सुनवाई अलग से होगी।' न्यायाधीश नताशा नसीम की अदालत लाहौर की कोट लखपत जेल में रोजाना सुनवाई कर रही है। अभियोजन पक्ष ने 40 गवाहों की सूची, संदिग्धों के वीडियो, डीएनए और फोरेंसिक सुबूत सौंपे हैं।