OMG: इस लड़के ने खुद तुड़वाया अपनी टांगे...वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
लड़का हो या लड़की, हर किसी का सपना होता है अच्छी हाइट. लोग इसके लिए क्या-क्या नहीं करते. कई देशों में सैकड़ों लोग लंबा कद पाने की चाहत में 'हद' से भी गुजर गए हैं. हालांकि अब उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. साल 2015 में सैम नाम के एक शख्स ने इसी तरीके से अपना कद दो इंच तक बढ़ा लिया. पहले उसका कद 5 फीट 4 इंच था और बाद में उसकी लंबाई 5 फीट 7 इंच हो गई. इसके लिए उसने ऑपरेशन करवाकर अपनी टांगों को लंबा करवा लिया. बीबीसी की एक खबर के अनुसार सैकड़ों लोग अपना कद लंबा करवाने के लिए सर्जरी करवा रहे हैं. इस प्रक्रिया में उनके घुटने की सर्जरी कर उन्हें लंबा किया जा रहा है. टांगें लंबी होने की वजह से लोगों का कद बढ़ जा रहा है. मगर इस सर्जरी के कई तरह के रिस्क भी सामने आ रहे हैं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोगों को इस सर्जरी के बाद लंबे समय तक समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं. बीबीसी ने ऐसे कुछ लोगों से बात की, जिन्हें सर्जरी के बाद समस्याएं झेलनी पड़ रही है.
सैम बताते हैं कि सर्जरी के बाद उन्हें छह महीने तक फिजियोथेरेपी लेनी पड़ी. वह अपने इस फैसले को पागलपन भी बताते हैं क्योंकि यह एक तरह से दोनों टांगे तोड़कर फिर से चलना सीखना होता है. न्यूयॉर्क के रहने वाले सैम ने अपनी सर्जरी के बारे में बताया, 'कॉलेज में मुझे महसूस हुआ कि मेरा कद कई लड़कियों से भी से भी कम है. उसने एक्सरसाइज की और ऊंची एड़ी के जूते भी पहने. मगर इस अस्थायी हल से वो खुश नहीं थे.' इसके बाद सैम को कद बढ़ाने की सर्जरी के बारे में पता चला और काफी सलाह मशविरे के बाद उन्होंने सर्जरी का फैसला लिया. 2015 में उन्होंने सर्जरी कराई और अपना कद दो इंच बढ़ा लिया.
अपना कद बढ़ाने के लिए सर्जरी का चलन सिर्फ अमेरिका में ही नहीं है बल्कि एक दर्जन से ज्यादा देशों में ऐसा हो रहा है. बहुत से लोगों ने अपना कद पांच इंच तक भी बढ़वाया है. खबर के मुताबिक यह तो स्पष्ट नहीं है कि हर साल कितने लोग सर्जरी करवा रहे हैं, लेकिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. अमेरिका, जर्मनी और दक्षिण कोरिया में हर साल 100-200 ऐसे ऑपरेशन होते हैं. स्पेन, भारत, तुर्की और इटली में हर साल 20-40 ऐसे ऑपरेशन होते हैं. बीबीसी ने कई विशेषज्ञों से बातचीत की. उनसे मिली जानकारी के बाद यह पता चला कि यह सर्जरी लंबी चलने वाली, महंगी और दर्दनाक है.
इस सर्जरी की खोज सोवियत संघ के डॉक्टर गेव्रिल इलिजारोव थे. वह द्वितीय विश्व युद्ध से लौट रहे घायल सैनिकों का इलाज किया करते थे. यह सर्जरी 70 साल से चलन में है, लेकिन इसके कई बेसिक्स अभी भी पहले जैसे ही हैं.
विशेषज्ञों ने बताया कि इस सर्जरी में टांग की हड्डियों में छेद किया जाता है और फिर उन्हें दो हिस्सों में तोड़ा जाता है. इसके बाद एक धातु की रॉड को हड्डी के अंदर लगाया जाता है. बाद में कई पेच लगाकर उसे टिकाया जाता है. हर रोज इस रॉड को 1-1 मिलीमीटर लंबा किया जाता है.