नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के एक ग्लेशियर पर 32 साल पहले लापता हुए जर्मन शख्स का शव मिला है. साल 1990 में 27 वर्षीय पर्वतारोही थोमस फ्लेम हाइकिंग ( लंबी दूरी पर पैदल चलना) के दौरान ग्लेशियर से अचानक गायब हो गए थे. उनकी काफी तलाश भी की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया था. अब करीब 32 साल बाद उनका शव ग्लेशियर से मिला, जिसे सबसे पहले दो पर्वतारोहियों ने देखा और फिर सूचना दी.
पर्वतारोहियों को शव के पास से हाइकिंग इक्विपमेंट भी मिले. सूचना मिलने पर शव को वहां की अथॉरिटी ने अपने कब्जे में ले लिया. शव की हालत बेहद खराब थी. शव का डीएनए टेस्ट किया गया तो ये कन्फर्म हो गया कि यह शव जर्मनी के रहने वाले थोमस का ही है. स्विस पुलिस ने इस मामले में बताया कि ग्लेशियर के सिकुड़ने की वजह से नीचे दबा हुआ शव ऊपर आ गया जो वहां से गुजर रहे पर्वतारोहियों की नजर में आ गया.
शव को सबसे पहले देखने वाले पर्वतारोही ने स्विट्जरलैंड टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि वो अपने साथी के साथ स्टॉक जी ग्लेशियर की यात्रा पर थे. जहां उन्होंने एक पत्थर पर कुछ रंग बिरंगी चीजें देखीं. थोड़ा शक होने पर जब वे उसके पास गए तो वहां हाइकिंग इक्विपमेंट्स और पास में ही एक शव मिला.
पर्वतारोही ने आगे बताया कि बॉडी पर जो कपड़े थे, वो 80 के दशक के स्टाइल के थे. पर्वतारोही ने आगे बताया कि शव पूरी तरह ममिकृत हो चुका था. शव के मिलने के बाद उन लोगों ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी और शव की सही लोकेशन भी बताते हुए फोटो भी दी. जिसके बाद शव को तुरंत ढूंढ लिया गया.
जर्मनी के पर्वतारोही थोमस ने 29 जुलाई 1990 को अपनी दादी को पत्र लिखा था. जिसके बाद उनकी एक अगस्त को आखिरी बार अपनी मां से बात हुई थी. तीन दिनों तक कुछ पता नहीं चलने पर मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. काफी ढूंढने पर भी थोमस का कुछ पता नहीं चला था. अब 32 साल बाद शव तो मिल गया है लेकिन ये अभी तक साफ नहीं हो पाया कि लापता होने से पहले आखिर हुआ क्या था.
थोमस के अचानक लापता होने के बाद स्विट्जरलैंड और इटली की पुलिस ने साथ मिलकर तलाश शुरू की थी. ढूंढने के लिए कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई. स्थानीय गाइडों को भी ढूंढने में लगाया गया. लेकिन समय के साथ-साथ आशा कमजोर होती चली गई.
इसी दौरान उसी लोकेशन पर पहुंचे एक पर्वतारोही ग्रुप ने जो बताया, उसके बाद थोमस के मिलने की उम्मीद ही खत्म हो गई. ग्रुप ने बताया कि इस इलाके में ग्लेशियर मक्खन की तरह मुलायम है. जिसके बाद ऐसा मान लिया गया कि थोमस में ग्लेशियर में दब गए हैं. साल के अंत होने तक सर्च ऑपरेशन भी बंद कर दिया गया.
स्विस पुलिस प्रवक्ता ने इस मामले में कहा कि 32 साल पहले गायब हुए थोमस का केस पूरी तरह एक हादसा था. और अब शव के डीएनए का थोमस से मैच होने के बाद इस केस को बंद कर दिया गया है.