NSA ने अमेरिका और तालिबान के बीच हुए दोहा समझौता को लेकर उठाया सवाल, कहा ट्रंप से हुई थी गलती

अमेरिका के पूर्व राजदूत ने कोई योगदान नहीं दिया, वो पूर्व राष्ट्रपति के इशारों पर काम कर रहे थे।

Update: 2022-08-19 07:10 GMT

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने अमेरिका और तालिबान के बीच हुए दोहा समझौता को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने दोहा समझौता का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सबसे बड़ी गलती की है। पूर्व एनएसए ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया और बड़े पैमाने पर विदेशी लड़ाके अफगानिस्तान आए हैं।


2020 में हुआ था दोहा समझौता

बता दें कि अमेरिका और तालिबान ने फरवरी 2020 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अध्यक्षता में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में तय हुआ था कि अफगानिस्तान में तैनात सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी होगी और तालिबान हिंसा पर रोक लगाएगा। समझौते में कहा गया था कि तालिबान इस बात की गारंटी देगा कि अफगानिस्तान में आतंकवादियों को पनपने नहीं दिया जाएगा।

सैनिकों की वापसी चाहता था तालिबान

बोल्टन ने TOLO न्यूज को एक साक्षात्कार में बताया, 'मुझे लगता है कि इतिहास ने इसे साबित कर दिया कि यह एक गलत समझौता था। तालिबान चाहता था कि अमेरिका और नाटो, अफगानिस्तान छोड़कर बाहर चले जाएं और उसमें वो कामयाब हुआ।' उन्होंने कहा कि तालिबान अपने वादों को पूरा नहीं कर सका है और बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान लौट आए हैं।


2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा

गौरतलब है कि पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान से पूरी तरह अमेरिकी सैनिकों की वापसी होने के साथ ही तालिबान ने पूर्ण रूप से अफगानिस्तान की सरजमीं पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से तालिबान ने अफगानिस्तान में मनमाने तरीके से शासन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अफगानिस्तान में कई तरह की अनैतिक बंदिशें लगाई हैं।

पूर्व राजदूत इशारों पर कर रहे थे काम


अफगानिस्तान में तैनात अमेरिका के पूर्व राजदूत जाल्मय खलीलजाद पर निशाना साधते हुए बोल्टन ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति कायम करने के लिए अमेरिका के पूर्व राजदूत ने कोई योगदान नहीं दिया, वो पूर्व राष्ट्रपति के इशारों पर काम कर रहे थे।

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