उत्तर मैसेडोनिया: डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लड़की को दूसरे बच्चे तंग करते थे राष्ट्रपति ने की मदद, स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाया पाठ
उत्तर मैसेडोनिया में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक 11 साल की बच्ची की राष्ट्रपति स्टीवो पेंडारोव्स्की ने मदद की. जब पें
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर मैसेडोनिया (North Macedonia) में डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome) से पीड़ित एक 11 साल की बच्ची की राष्ट्रपति स्टीवो पेंडारोव्स्की (President Stevo Pendarovski) ने मदद की. जब पेंडारोव्स्की को मालूम चला कि बच्ची को स्कूल में इस बीमारी की वजह से तंग किया जा रहा है. तब वह खुद बच्ची की मदद के लिए सामने आए और उसे स्कूल ले गए. दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक बीमारी है. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं होता. उन्हें सीखने में कठिनाई होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.
एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति स्टीवो ने बच्ची एम्बला अडेमी (Embla Ademi) के माता-पिता से उसे स्कूल में तंग किए जाने और दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों को लेकर बातचीत की. एम्बला मैसेडोनिया के गोस्टिवार (Gostivar) में रहती हैं. स्कूल में भेदभाव की बात मालूम चलने के बाद राष्ट्रपति पेंडारोव्स्की नन्ही एम्बला के साथ उसके प्राथमिक विद्यालय 'एडिन्स्टवो' गए.
राष्ट्रपति ने एम्बला के माता-पिता से की बात
राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'पेंडारोव्स्की ने एम्बला के माता-पिता से उन चुनौतियों के बारे में बात की जो वह और उसके माता-पिता रोजाना फेस कर रहे है. उन्होंने समस्या के समाधान पर भी चर्चा की.' राष्ट्रपति ने कहा, 'बच्चों के अधिकारों को खतरे में डालने वालों का व्यवहार अस्वीकार्य है. खासकर तब जब बात असामान्य विकास वाले बच्चों की हो.'
बयान में कहा गया है, 'ऐसे बच्चों को न केवल उन अधिकारों का आनंद लेना चाहिए जिसके वे हकदार हैं, बल्कि उन्हें स्कूल के डेस्क और स्कूल के प्रांगण में भी समान और स्वागत योग्य महसूस करना चाहिए. एक राज्य के रूप में यह हमारा दायित्व है. इस सामान्य मिशन में प्रमुख तत्व सहानुभूति है.' बयान के मुताबिक, 'यह कदम एम्बला जैसे बच्चों की मदद करेगा. लेकिन यह हमें उनसे सीखने में भी मदद करेगा कि कैसे ईमानदारी से आनन्दित हों, कैसे शेयर करें और एकजुटता से रहें.' प्रेस विज्ञप्ति में पेंडारोव्स्की के हवाले से कहा गया है, 'इस समाज में हम सब बराबर हैं. मैं यहां अपना समर्थन देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए आया हूं कि समावेश एक बुनियादी सिद्धांत है.' राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने एम्बला के माता-पिता को उनकी बेटी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए लड़ाई में प्रोत्साहित करने के लिए अपना समर्थन दिया.