उत्तर कोरिया : चीन से दोस्ती बढ़ाना चाहते हैं किम जोंग उन, ओलंपिक आयोजन के लिए शी जिनपिंग को भेजा बधाई संदेश
उत्तर कोरिया चीन से दोस्ती बढ़ाना चाहता है. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक को लेकर बधाई संदेश भेजा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर कोरिया चीन से दोस्ती बढ़ाना चाहता है. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) को लेकर बधाई संदेश भेजा है. साथ ही अपने संबंधों को सुधारने की बात भी कही है. संदेश में किम जोंग उन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा है कि अपने देशों के बीच संबंधों को सुधारना चाहते हैं. स्टेट समाचार एजेंसी केसीएनए ने शुक्रवार को ये जानकारी दी है. केसीएनए के मुताबिक किम जोंग ने पत्र में कहा कि दुनिया भर में स्वास्थ्य संकट और अभूतपूर्व गंभीर परिस्थितियों के बावजूद बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन चीन की एक और बड़ी जीत है.
चीन से दोस्ती बढ़ाना चाहते हैं किम जोंग उन
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने संदेश में ये भी कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए स्तर पर लगातार विकसित करेंगे. शुक्रवार को बीजिंग ओलंपिक के उद्धाटन के दिन ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उत्तर कोरिया (North Korea) के रिकॉर्ड मिसाइल परीक्षणों (Missile Test) को लेकर चर्चा होगी. उत्तर कोरिया ने पिछले रविवार को भी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. चीन और रूस ने पिछले महीने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी अपील को अनसुना कर दिया था. इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि वो वह शत्रुतापूर्ण ताकतों और कोविड-19 जोखिमों को लेकर पड़ोसी चीन में खेलों में भाग नहीं लेगा.
उत्तर कोरिया लगातार कर रहा है मिसाइल टेस्ट
कोविड-19 (Covid-19) चिंताओं का हवाला देते हुए पिछले साल टोक्यो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में उत्तर कोरिया टीम भेजने में विफल रहा था. जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की ओर से निलंबित कर दिया गया था. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) से निलंबित किए जाने के बाद उत्तर कोरियाई एथलीट अपने राष्ट्रीय ध्वज के तहत प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पात्र नहीं हैं. 1961 में दोनों के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद से चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र प्रमुख सहयोगी रहा है और प्योंगयांग के परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों पर लगाए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों ने इसे व्यापार और अन्य समर्थन के लिए चीन पर पहले से कहीं अधिक निर्भर बना दिया है.