संयुक्त राष्ट्र की महासभा में म्यांमार के समर्थन में उत्तर भारत, कहा - शांति बहाल करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए

इसमें शिक्षा प्रदान करना और उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है।

Update: 2021-02-27 02:42 GMT

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने म्यांमार के संबंध में अपना बयान देते हुए कहा कि वहां सभी प्रतिनिधियों की पहली प्राथमिकता लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करना होनी चाहिए। भारत ने ऐसे समय में दक्षिणपूर्वीय एशियाई देश के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र की महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि म्यांमार में हाल ही में हुई घटनाओं पर भारत ने पैनी नजर बनाई हुई है। बता दें कि म्यांमार में सेना ने आठ नवंबर को हुए चुनाव में धोखाधड़ी के चलते तख्तापलट कर दिया और वहां सैन्य शासन लगा दिया।
यही नहीं, आंग सान सू की समेत कई राजनैतिक महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया है। इसके बाद लोकतंत्र के पक्षधर सड़कों पर उतरे और अपनी नेता आंग सान सू की की रिहाई की मांग करने लगे। म्यांमार में हुए विरोध प्रदर्शन में कम से कम तीन प्रदर्शनकारी और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है।
भारत ने कहा कि पड़ोसी और मित्र देश होने के नाते भारत हमेशा म्यांमार में हो रही गतिविधियों पर नजर रखेगा। टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और कानून व्यवस्था बनी रहे और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें छोड़ा जाए ताकि शांति की बहाली हो।
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत बांग्लादेश के दस लाख से ज्यादा विस्थापित लोगों को शरण देने के फैसले की सराहना करता है। भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझना चाहिए कि बांग्लादेश विस्थापित लोगों को लेकर कैसी परेशानियों का सामना कर रहा है।
इसके अलावा हमें बांग्लादेश की ओर से विस्थापित लोगों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी सराहना करनी चाहिए। वहीं टीेएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश सरकार की वित्तीय मदद भी करनी चाहिए। इसमें शिक्षा प्रदान करना और उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है।


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