जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को अगले महीने एक वर्ष पूरा हो जाएगा। हालांकि अभी तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में अमेरिका ने कहा कि इस सरकार को मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अफगानिस्तान, तालिबान, तालिबान सरकार, मध्य एशिया, दक्षिणएशिया, अमेरिकी विदेश मंत्री डोनाल्ड लू, अमेरिका, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, Afghanistan, Taliban, Taliban Government, Central Asia, South Asia, US Secretary of State Donald Lu, America,
ने कहा कि कोई भी देश तालिबान की अगुआई वाली सरकार को मान्यता देने के बारे में बात नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा, 'कुछ देश संबंध सुधारने की प्रक्रिया को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन मान्यता देने पर कोई भी विचार नहीं कर रहा है।' गौरतलब है कि गत अगस्त में तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था। तालिबान ने प्रशासन के सभी पदों पर पुरुषों को नियुक्त किया और महिलाओं और लड़कियों पर तमाम तरह की पाबंदियां थोप दी।
अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति तालिबान द्वारा जानबूझकर किए गए उपायों और नीतियों को अपनाने के परिणामस्वरूप सीधे अधिकारों के व्यवस्थित उल्लंघन को दर्शाती हैं। जिसका उद्देश्य सार्वजनिक जीवन के सभी क्षेत्रों से उन्हें पूरी तरह से मिटा देना है। अफगानिस्तान की महिलाओं ने इतने सालों तक देश में आज़ादी का आनंद लिया था, लेकिन अब अफगानिस्तान के अधिग्रहण के दस महीनों के भीतर तालिबान द्वारा उनके जीवन के पहलुओं को नियंत्रित करने वाले कई प्रतिबंधों के कारण एक अंधकारमय भविष्य की ओर देख रहे हैं।
पिछले दिनों तालिबान ने विश्व समुदाय से दबाव पड़ने के बाद छात्राओं की शिक्षा के लिए अलग से स्कूल खोलने के निर्देश दिए थे। हालांकि तालिबान ने छात्राओं के स्कूल जाने को लेकर कई नियम लागू किए हैं। इन नियमों में हैं कि
1. छठी कक्षा की सभी छात्राओं और शिक्षकों को इस्लामी हिजाब पहनना होगा और उनके चेहरे ढके होने चाहिए।
2. स्कूल के घंटों के दौरान सिर्फ महिलाओं को स्कूल में प्रवेश की अनुमति होगी।
3. निर्देश यह भी है कि सभी छात्राएं स्कूल के रास्ते में कहीं भी नहीं रुकेंगी और न ही वो किसी दोस्त से मिलेंगी