कोविड-19 के लिए 10 अफ्रीकी देशों में नयी जांच, उपचार परियोजना शुरू

कोरोना वायरस के स्वरूप ओमीक्रोन बीए.5 के संक्रमण का प्राथमिक स्रोत बनने की चिंता के बीच अफ्रीका में 10 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में स्वास्थ्य मंत्रालयों की सहायता के लिए एक नयी जांच और उपचार सहायता संघ शुरू किया गया है।

Update: 2022-09-10 01:00 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : ibc24.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के स्वरूप ओमीक्रोन बीए.5 के संक्रमण का प्राथमिक स्रोत बनने की चिंता के बीच अफ्रीका में 10 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में स्वास्थ्य मंत्रालयों की सहायता के लिए एक नयी जांच और उपचार सहायता संघ शुरू किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी दी।

नयी कोविड-19 दवाओं तक पहुंच में अंतराल को खत्म करने के प्रयास का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले रोगियों को मुंह के जरिए वायरस रोधी उपचार प्रदान करना और 2023 में व्यापक पहुंच को बढ़ाना है।
कोविड ट्रीटमेंट क्विक स्टार्ट कंसोर्टियम (क्यूएससी) में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, फाइजर और कॉनराड एन. हिल्टन फाउंडेशन के सहयोग से ड्यूक यूनिवर्सिटी, क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव (सीएचएआई), कोविड कोलैबोरेटिव, और अमेरिकारेस एक साथ आए हैं।
यह परियोजना बृहस्पतिवार को शुरू की गई और संघ सरकारों को उच्च जोखिम वाली आबादी में नए और प्रभावी कोविड-19 मौखिक वायरस रोधी उपचारों तक पहुंच को शुरू करने और बढ़ाने में मदद करेगा। उम्मीद है कि मरीजों को इस महीने से चुनिंदा देशों में उपचार मिलना शुरू हो जाएगा।
साझेदार देशों में घाना, केन्या, लाओस, मलावी, नाइजीरिया, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे शामिल हैं।
ड्यूक ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के संस्थापक निदेशक डॉ कृष्ण उदयकुमार ने कहा कि क्यूएससी उन देशों में उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए तत्काल आवश्यक दवाएं लाने में सरकारों के साथ साझेदारी कर रहा है, जहां इस तरह के नवाचारों तक पहुंच आसान नहीं है।
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