नए अध्ययन में सामने आया: नींद के लिए नुकसानदेह है सोने से पहले मीडिया का इस्तेमाल

आपको बिस्तर में जाने में देरी होगी, वहीं सोने के कुल समय में भी कमी आएगी। हालांकि, इससे सोने की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती।

Update: 2022-02-14 10:35 GMT

शोधकर्ताओं ने हाल में एक परीक्षण किया है कि सोने से पहले फिल्म, टीवी या यूट्यूब वीडियो देखने, इंटरनेट का उपयोग करने या गाना सुनने से नींद किस प्रकार प्रभावित होती है। यह अध्ययन 'जर्नल आफ स्लीप रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है। अनिद्रा, खासतौर पर कोविड-19 महामारी के बाद एक समान्य समस्या के रूप में सामने आई है। अध्ययन में 58 वयस्कों को शामिल किया गया। सभी की अलग-अलग डायरी बनाई गई और उसमें संबंधित के सोने से पहले मीडिया के साथ समय बिताने, इस्तेमाल की लोकेशन और मल्टी टास्किंग से जुड़ी जानकारियां दर्ज की गईं।

इलेक्ट्रोएंसेफलोग्राफी परीक्षण के जरिये प्रतिभागियों के सोने का समय, कुल सोने का समय व नींद की गुणवत्ता आदि से संबंधित जानकारियां हासिल की गईं। इस परीक्षण में खोपड़ी से जुड़ी छोटी धातु डिस्क का उपयोग करके मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों का पता लगाया जाता है।
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ डेलावेयर से जुड़े अध्ययन के प्रमुख लेखक मार्गन एलिथोरपे ने कहा, 'यदि आप सोने से पहले टीवी देखने या संगीत सुनने जैसे मीडिया का उपयोग करते हैं, तो समय का बिल्कुल ध्यान रखें। मीडिया का उपयोग कम समय के लिए करने पर रात की नींद पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।' शोधकर्ताओं ने कहा कि सोने से पहले ज्यादा देर तक मीडिया का उपयोग करने से जहां आपको बिस्तर में जाने में देरी होगी, वहीं सोने के कुल समय में भी कमी आएगी। हालांकि, इससे सोने की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती।


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