नए शोध में आया सामने: ओमेगा-3 फैटी एसिड से कम होगा धमनी संबंधी विकार का खतरा

इनका सेवन स्वास्थ्य के फायदेमंद हो सकता है।

Update: 2021-12-21 10:31 GMT

एक नए अध्ययन में बताया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त वाहिकाओं (धमनियों) में सूजन की रोकथाम और ऐथरोस्क्लरोसिस का खतरा कम करने में अहम भूमिका निभाता है। यह शोध द जर्नल आफ क्लिनिकल इन्वेस्टगेशन में प्रकाशित हुआ है।

बता दें कि कार्डियोवस्कुल डिजीज दुनियाभर में मौत का एक बड़ा कारण है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए समस्या बना हुआ है। ऐथरोस्क्लरोसिस धमनियों में लंबे समय तक सूजन बने रहने से जुड़ा विकार है। इसमें धमनी सख्त हो जाती है। इस सूजन को सामान्य तौर पर एक प्रकार के सिग्नल को रोक कर नियंत्रित किया जाता है, जिसे रिजोल्विंस कहा जाता है। इसके जरिये सूजन की गतिविधियों का स्वीच आफ कर दिया जाता है और ऊतकों को घाव भरने के लिए सक्रिय किया जाता है। ये रिजोल्विंस ओमेगा-3 फैटी एसिड से बनते हैं और जीपीआर32 नाम रिसेप्टर को सक्रिय कर देता है।
शोध के प्रथम लेखक हिल्डुर अर्नाडरेटिरो ने बताया कि उन्होंने पाया है कि यह रिसेप्टर ऐथरोस्क्लरोसिस को विनियंत्रित कर देता है, जो इस बात का संकेत है कि शरीर में प्राकृतिक रूप से घाव भरने की प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न होता है।
इस खोज से धमनियों में सूजन को कम करके ऐथरोस्क्लरोसिस की रोकथाम और उसके इलाज की एक नई रणनीति बनाई जा सकती है। मालूम हो कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली, नट्स, अलसी, सोयाबीन तेल में पाया जाता है। इनका सेवन स्वास्थ्य के फायदेमंद हो सकता है।


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