NASA के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से 90 प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक 'ठंडे' एक्सोप्लैनेट की खोज की

तो ये मनुष्यों के लिए बहुत बड़ी खोज होने वाली है.

Update: 2021-06-11 06:44 GMT

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी (Earth) से 90 प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक 'ठंडे' एक्सोप्लैनेट की खोज की है. साइंस डेली में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी और न्यू मेक्सिको यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक्सोप्लैनेट 'TOI-1231 b' की खोज की, जो एक एम बौने तारे की परिक्रमा कर रहा है. इसे रेड डवार्फ के रूप में भी जाना जाता है. वैज्ञानिक तारे को चिह्नित करने और TOI-1231 b के रेडियस और द्रव्यमान दोनों को मापने में सक्षम हुए हैं.

स्टडी के मुताबिक, रिसर्चर्स ने पाया कि ये ग्रह पृथ्वी से सूर्य की दूरी की तुलना में अपने तारे से आठ गुना ज्यादा करीब है. वहीं, इसका आकार वरुण ग्रह के बराबर है और ये अपने तारे की 24 दिनों में परिक्रमा पूरा करता है. टीम ने पाया कि TOI-1231 b ग्रह का तापमान हमारे ग्रह के तापमान जितना ही है, क्योंकि इसका तारा या कहें सूर्य हमारे सूर्य के मुकाबले कम शक्तिशाली है. उन्होंने कहा कि इसका वातावरण लगभग 330 केल्विन या 140 डिग्री फारेनहाइट है, जो TOI-1231 b को अभी तक खोजे गए वायुमंडलीय अध्ययनों के लिए सबसे अच्छे और छोटे एक्सोप्लैनेट में से एक बनाता है.
पानी की मौजूदगी के हो सकते हैं सबूत!
रिसर्चर्स ने कहा कि एक्सोप्लैनेट का घनत्व कम है, जिससे पता चलता है कि यह पृथ्वी जैसा चट्टानी ग्रह नहीं, बल्कि एक गैसीय ग्रह है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे अभी तक ठीक प्रकार से ग्रह या उसके वातावरण की संरचना के बारे में नहीं जानते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बात की संभावना है कि वातावरण में ऊंचे बादल मौजूद हों और पानी के संभावित सबूत हों. न्यू मेक्सिको यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स एंड एस्ट्रॉनोमी की असिस्टेंट प्रोफेसर डायना ड्रैगोमिरो ने कहा कि TOI 1231 b का कम घनत्व इस बात की ओर इशारा करता है कि यह एक चट्टानी ग्रह होने के बजाय पर्याप्त वातावरण से घिरा हुआ है. लेकिन इस वातावरण की संरचना और सीमा के बारे में हमें जानकारी नहीं है.
कुछ इस तरह का हो सकता है ग्रह का वातावरण
प्रोफेसर डायना ड्रैगोमिरो ने कहा कि TOI 1231 b में बड़ा हाइड्रोजन या हाइड्रोजन-हीलियम वातावरण या सघन जल वाष्प वातावरण हो सकता है. इनमें से हर एक अलग उत्पत्ति की ओर इशारा करता है. इससे एस्ट्रोनोमर्स को यह समझने में मदद मिलेगी कि हमारे सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों की तुलना में M बौने तारे के आसपास चक्कर लगाने वाले ग्रह कैसे बनते हैं. वहीं. अगर TOI 1231 b पर पानी वाले बादलों की खोज हो जाती है, तो ये मनुष्यों के लिए बहुत बड़ी खोज होने वाली है.


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