NASA: रोवर ने भेजीं 33 मिनट की पहली चहलकदमी की तस्वीरें

मंगल पर पहली वॉक

Update: 2021-03-06 12:50 GMT

जीवन की खोज में मंगल ग्रह पर उतरे अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के रोवर Perseverance ने लाल ग्रह पर चहलकदमी भी शुरू कर दी है। रोवर ने अपनी पहली ड्राइव 4 मार्च को की और इस दौरान उसने 6.5 मीटर का रास्ता तय किया। यह ड्राइव रोवर का पहला मोबिलिटी टेस्ट थी। टीम के सदस्य रोवर के हर सिस्टम-सब सिस्टम और इंस्ट्रुमेंट को चेक कर रहे हैं और कैलिबरेट कर रहे हैं। जब रोवर वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट करने लगेगा तो वह 200 मीटर तक चला करेगा। मंगल के Jezero Crater में उतरा रोवर यहां प्राचीन जीवन के निशान खोजेगा। उम्मीद की जा रही है कि मंगल पर अगर कभी जीवन रहा होगा तो यहां उसके निशान मिल सकेंगे।

मंगल पर पहली वॉक

अपनी पहली ट्रिप के दौरान रोवर करीब 33 मिनट तक घूमता रहा। पहले वह 4 मीटर आगे गया। इसके बाद बायीं ओर मुड़ा और फिर 2.5 मीटर गया। NASA की जेट प्रोपल्शन लैब के रोवर मोबिलिटी टेस्ट बेड इंजिनियर अनायस जरीफियान ने बताया है कि टायर चलाने और रोवर को घुमाने का पहला मौका था। 6 पहियों के रोवर की ड्राइव खूब बढ़िया रही। अब ड्राइव सिस्टम को लेकर विश्वास पैदा हो गया है और अगले दो साल में विज्ञान जहां ले जाए, वहां जाने के लिए तैयार है। इस टेस्ट की तस्वीरें देखने में भी काफी रोचक हैं और मंगल पर इंसानी कदमों के निशान की कहानी सुना रही हैं।

टेस्टिंग जारी
इससे पहले Perseverance का सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया गया। इसमें लैंडिंग के लिए लगे सॉफ्टवेयर को हटाकर मंगल पर एक्सपेरिमेंट में काम आने वाले सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया गया। इसके अलावा इसके रेडार इमेजर फॉर मार्स सबसर्फेस एक्सपेरिमेंट (RIMFAX) और मार्स इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट (MOXIE) इंस्ट्रुमेंट को भी चेक किया गया। MOXIE मंगल पर ऑक्सिजन बनाने की कोशिश करेगा ताकि भविष्य में इंसानों को भेजे जाने की स्थिति में जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट किया जा सके। इसके अलावा मार्स एन्वायरनमेंटल डायनैमिक्स अनैलाइजर (MEDA) के दो विंड सेंसर्स को काम पर लगा दिया गया।
मंगल पर जीवन की खोज की तैयारी


सैंपल इकट्ठा करने की तैयारी
इंजिनियर्स ने रोवर की 2 मीटर लंबी रोबॉटिक आर्म को भी दो घंटे तक अलग-अलग जॉइंट्स पर हिला-डुलाकर देखा। रोवर के डेप्युटी मिशन मैनेजर रॉबर्ट हॉग के मुताबिक साइंस टीम के काम में आने वाला यह सबसे अहम टूल है क्योंकि इसकी मदद से Jezero Crater को जांचा जाएगा। वहां ड्रिल करके सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे। इसके लिए पहले रोवर में लगे 23 कैमरों की मदद से यह देखा जाएगा कि क्या कोई ऐसा सैंपल है जिसे कलेक्ट करके स्टडी करने से हमें कुछ मिल सकता है। अगर ऐसा सैंपल पाया जाएगा तो रोबॉटिक आर्म उसे कलेक्ट करेगी और फिर अपने कैशिंग सिस्टम में संभालकर रख देगी। भविष्य में जाने वाले मिशन इन सैंपल्स को स्टडी के लिए धरती पर वापस लेकर आएंगे।


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