NASA न्यूज : ऑर्टेमिस-1 मिशन से चांद पर अपना नाम भेजने के लिए ऐसे फिल करें डिटेल्स

NASA का न्यूज

Update: 2022-06-08 14:42 GMT
अगर आप NASA के आर्टेमिस-1 मिशन से जुड़कर अपना नाम चांद पर भेजना चाहते हैं, तो आपके पास अब कुछ ही दिन बचे हैं। NASA ने लोगों से उनका नाम फ्लैश ड्राइव में डालने के लिए इनवाइट किया है। इस मिशन में आपका नाम सिलेक्ट होता है, तो जब आर्टेमिस-1 चांद का चक्कर लगा रहा होगा, तब फ्लैश ड्राइव पर आपका नाम भी चमकेगा। हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले मार्स रोवर मिशन के साथ पर्सवेरेंस रोवर के जरिये भी करीब 11 मिलियन नाम भेजे गए थे। (क्लिक करके भरे डिटेल्स)
क्या है आर्टेमिस-1 मिशन
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने अपने मानव रहित आर्टेमिस I(Artemis-1) की लॉन्चिंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस मून मिशन की टेस्टिंग के लिए अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्चपैड तैयार किया है। इस मिशन को पहले एक्सप्लोरेशन मिशन-1 के नाम से जाना जाता था। नासा (NASA) ने आर्टेमिस 1 (Artemis 1) मेगा मून रॉकेट में ईंधन भरने की चौथी बार कोशिश की है। अगर योजना के दौरान सबकुछ ठीक रहा, तो अगस्त में रॉकेट लॉन्च के लिए रेडी हो जाएगा। बता दें कि वेट ड्रेस रिहर्सल(Wet Dress Rehearsal) को पूरा करने में यह मिशन पहले तीन बार फेल हो चुका है।
चांद-मंगल पर रिसर्च के नए दरवाजे खोलेगा
आर्टेमिस मिशन को चांद को समझने की दिशा में नेक्स्ट जेनेरेशन के रूप में जाना जाता है। इसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं से अपोलो की जुड़वां बहन के नाम पर लिया गया है। आर्टेमिस को चंद्रमा की देवी भी माना जाता है। यह एक बेहद जटिल मिशन है, जो चंद्रमा तथा मंगल पर रिसर्च के दरवाजे खोलेगा। NASA रोबोट और अंतरिक्ष यात्रियों(astronauts) की रिसर्च में हेल्प करने के लिए चांद-मंगल की सतह पर आर्टेमिस बेस कैंप और चंद्रमा की कक्षा में एक गेटवे (चंद्रमा के चारों ओर दूरवर्ती स्थान) स्थापित करेगा। आर्टेमिस चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम (Artemis Lunar Exploration Program) के जरिये NASA वर्ष 2024 तक पहली महिला और पहले पुरुष को चंद्रमा पर भेजने की योजना पर काम कर रहा है। यह इस मिशन की सफलता पर निर्भर है।

मानव पुतला भेजा जाएगा
नासा द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, Artemis-1 Mission के तहत बेशक कोई एस्ट्रोनॉट चांद पर नहीं भेजा जाएगा, लेकिन अंतरिक्ष यान खाली नहीं होगा। इसमें मानव पुतलों को एस्ट्रोरेड रेडिएशन जैकेट पहनाकर भेजा जाएगा। इस मिशन के जरिये भविष्य में पर्यावरण को समझने और चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। क्योंकि चांद भी इसी तरह के पर्यावरण का सामना करता है। डमी को एस्ट्रोरेड रेडिएशन जैकेट पहनाने का मकसद यह जानना है कि वहां रेडिएशन से क्या खतरा हो सकता है? बता दें कि स्पेस रेडिएशन से ह्यूमन बॉडी को बड़ा खतरा हो सकता है। रेडिएशन के संपर्क में आने से कई घातक बीमारियों के अलावा कैंसर भी हो सकता है।
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