नैंसी पेलोसी चीन से तनाव के बीच जापान के पीएम से मिलीं, ताइवान खाड़ी में शांति रखने में सहयोग का वादा

जापान और अमेरिका ने शुक्रवार को चीन के बड़े सैन्य अभ्यास के बीच तेजी से तनावपूर्ण होते जा रहे ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई है.

Update: 2022-08-05 03:14 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जापान और अमेरिका ने शुक्रवार को चीन के बड़े सैन्य अभ्यास के बीच तेजी से तनावपूर्ण होते जा रहे ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन से दागी गईं कम से कम पांच मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र- ईईजेड (Exclusive Economic Zone-EEZ) में गिरी हैं. एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड), समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) द्वारा निर्धारित समुद्र में एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर एक देश के कुछ अधिकार हैं.

समाचार एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी अपनी एशियाई देशों की यात्रा के अंतिम चरण में जापान में हैं. इस दौरे में पेलोसी ताइवान में एक संक्षिप्त और अघोषित यात्रा पर पहुंची थीं. इस स्व-शासित द्वीप पर पिछले 25 वर्ष में पहुंचने वाली वे सबसे वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी हैं. उनके इस दौरे से पहले बीजिंग ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी थी.
अपनी यात्रा के दौरान नैंसी पेलोसी ने ताइवान के लोकतंत्र की सराहना की और उसके साथ एकजुटता का वादा किया. पेलोसी के इस दौरे ने चीन को नाराज कर दिया. इसके बाद उसने एक बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया, जो ताइवान जलडमरूमध्य में चीन का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है. इस सैन्य अभ्यास के दौरान चीन से दागी गईं पांच मिसाइलों के जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में गिरने की आशंका के बाद टोक्यो को राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीन से कड़ा विरोध दर्ज कराना पड़ा.
अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक जापान इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती ताकत और इस संभावना को लेकर चिंतित है कि बीजिंग ताइवान पर हमला कर सकता है. नैंसी पेलोसी ने जापान के पीएम के आधिकारिक आवास पर प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की. जहां किशिदा ने कहा कि दोनों सहयोगी ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगे, जो एक प्रमुख शिपिंग मार्ग है. जापान का सबसे दक्षिणी द्वीप टोक्यो की तुलना में ताइवान के करीब है. जापान ने चेतावनी दी है कि ताइवान को चीनी धमकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा है.
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