Myanmar: प्रदर्शनकारियों को गोली मारने की धमकी, तख्तापलट के खिलाफ जनता के साथ सड़कों पर उतरे नर्स और बौद्ध भिक्षु

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है।

Update: 2021-02-08 15:44 GMT

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है। इसमें अब नर्स और बौद्ध भिक्षु भी कूद गए हैं। इससे घबराई नई सैन्य सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की धमकी दी है। उसने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे सड़कों से हट जाएं या बल प्रयोग का सामना करने को तैयार रहें। सेना ने गोली मारने तक की चेतावनी दी है। इसके बावजूद राजधानी नेपीता और यंगून समेत देश के कई हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और सत्ता निर्वाचित नेताओं के हाथों में सौंपने की मांग की। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए कई जगहों पर पानी की तेज बौझारों का प्रयोग किया गया। उधर, दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के सात कस्‍बों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।


पुलिस की चेतावनी के बाद भी भारी प्रदर्शन

म्यांमार की सेना गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी की सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर काबिज हो गई। देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट सहित कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद से ही विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार, नेपीता की एक सड़क पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दंगा रोधी पुलिस की तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद लगातार तीसरे दिन सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए और तख्तापलट के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से कहा कि वे सेना नहीं बल्कि जनता के लिए काम करें। जबकि इस दौरान पुलिस ने एक तख्ती दिखाई, जिस पर लिखा रहा कि अगर उन्होंने चेतावनियों का उल्लंघन किया तो गोली चलाई जा सकती है। इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पानी की तेज बौझारों का प्रयोग किया। इधर, यंगून में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम सैन्य शासन कभी नहीं चाहते। इन्हें कोई पसंद नहीं करता। हम सब इनसे मुकाबले के लिए तैयार हैं।' इस बीच, सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी ने सूचना मंत्रालय के एक बयान के हवाले से कहा, 'अगर अनुशासन नहीं रहा तो लोकतंत्र तबाह हो सकता है। हम उन कृत्यों को रोकने के लिए कानूनी कार्यवाही करेंगे, जो देश की स्थिरता, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन का उल्लंघन करते हैं।'

देश में एक फरवरी को तख्तापलट के बाद शीर्ष नेताओं समेत 165 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें ज्यादातर राजनीतिक लोग हैं। जबकि 13 लोगों को रिहा कर दिया गया है। एनएलडी की नेता आंग सान पर अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें जांच के नाम पर 15 फरवरी तक हिरासत में रखने की बात कही गई है।

पोप ने की बंदियों को रिहा करने की मांग
वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने म्यांमार की सैन्य सरकार से देश में लोकतंत्र बहाल करने और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने यह अपील 180 से ज्यादा देशों के राजनयिकों को संबोधित करने के दौरान की। इस दौरान पोप ने म्यांमार के लोगों के प्रति अपने लगाव का भी जिक्र किया। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की दुनियाभर में तीखी आलोचना हुई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और भारत समेत कई देशों ने तख्तापलट की निंदा करते हुए लोकतंत्र को बहाल करने की अपील की है।


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