ये ऐसी कंपनियां हैं जिनके पास कीमतें निर्धारित करने के लिए बहुत कम ताकत है. जैसे ही सामान की कमी होती है, कीमतें बढ़ जाती हैं. सिर्फ अक्टूबर महीने में, अमेरिका में विनिर्माण से जुड़ी सामग्री की कीमतों में 8.6% की वृद्धि हुई, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक वृद्धि है. स्थिति ये हो गई है कि बड़ी कंपनियों को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक, 2024 से पहले ये मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ऐप्पल के राजस्व में तीसरी तिमाही में 6 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. खेल से जुड़े सामान बनाने वाली कंपनी नाइकी ने वियतनाम में अपनी उत्पादन इकाई को बंद करने की सूचना दी है. इसका मतलब साफ है कि अब यह कंपनी हर साल 16 करोड़ कम जूतों का उत्पादन करेगी. खिलौना बनाने वाली कंपनी हैस्ब्रो माल ढुलाई की लागत में वृद्धि होने से परेशान है. मांस के कारोबार की अग्रणी कंपनी बियॉन्ड मीट की शेयर कीमतों में हाल में काफी ज्यादा गिरावट देखी गई है. अपने देश का रुख कर रही कंपनियां हालात ऐसे बन रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी कंपनियां वापस अपने देश की ओर रुख कर रही हैं. इस प्रक्रिया को रीशोरिंग कहा गया है. 2019 की शुरुआत में, जब चीन और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद जोरों पर था, तब अमेरिकी कंपनियों ने एशियाई बाजार पर अपनी निर्भरता कम करने की मांग की थी. इस साल मार्च महीने में, इंटेल कंपनी ने घोषणा की कि वह ऐरिजोना में दो नए सेमीकंडक्टर इकाइयों में 20 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी.
जनरल मोटर्स मिशिगन में बैटरी उत्पादन की इकाई को फिर से शुरू कर रही है. यहां लिथियम से बनाए जाने वाले उत्पाद के लिए नई इकाई स्थापित की जाएगी. स्टील की कीमतों में तेजी की वजह से यूएस स्टील ने विदेश में 3 बिलियन डॉलर की लागत से फैक्ट्री स्थापित करने की योजना को रद्द कर दिया है. अब यह फैक्ट्री अलबामा या अर्कांसॉ में स्थापित की जाएगी. लॉकहीड, जनरल इलेक्ट्रिक और थर्मो फिशर भी अपनी इकाइयों को फिर से अमेरिका में ही स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं. उद्योग से जुड़े संगठन रीशोरिंग इनिशिएटिव के मुताबिक, करीब 1800 अमेरिकी कंपनियां अपने पूरे कारोबार या एक बड़े हिस्से को वापस अमेरिका में स्थापित करने पर विचार कर रही हैं. अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका में 2,20,000 नए रोजगार सृजित होंगे. करीब एक दशक पहले भी कुछ कंपनियों ने विदेशों में स्थित अपनी इकाई को बंद करके उन्हें देश में फिर से स्थापित किया था. इससे 6,000 नए रोजगार सृजित हुए थे. अमेरिकी प्रशासन को है समस्या की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को पता है कि सोचने-समझने के लिए ज्यादा समय नहीं है. व्हाइट हाउस ने आपूर्ति से जुड़ी मौजूदा समस्या की पहचान कर ली है. सत्ता में आने के तुरंत बाद, बाइडेन ने आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता की जांच का आदेश दिया. साथ ही, घरेलू उत्पादकों को सहायता पहुंचाने के इरादे से संसद में कुछ ही दिनों पहले बुनियादी ढाचे को बेहतर बनाने के लिए पैकेज की भी घोषणा की गई है. हालांकि, रीशोरिंग विशेषज्ञ हैरी मोजर को लगता है कि अमेरिकी प्रशासन को अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. मोजर ने करीब 22 सालों तक एक इंजीनियरिंग कंपनी की कमान संभाली है.
वह कहते हैं, "हमारे देश में विनिर्माण से जुड़ी लागत जर्मनी की तुलना में 15 प्रतिशत और चीन की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है" वह आगे कहते हैं, "प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए लागत को कम करना होगा. इसके लिए टैक्स में छूट दी जा सकती है या श्रमिकों को प्रशिक्षित और कुशल बनाने के लिए उनके ऊपर निवेश किया जा सकता है. अगर हम बुनियादी समस्याओं का हल नहीं करते हैं, तो सब्सिडी वाले चिप और बैटरी की पर्याप्त खपत के लिए इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और इलेक्ट्रिक वाहन का उत्पादन नहीं कर पाएंगे" इन सब के बावजूद, मोजर का मानना है कि घरेलू श्रम बाजार को बढ़ावा देने के लिए, रीशोरिंग की प्रक्रिया जारी रहेगी. वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक, इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि विनिर्माण उद्योग में हर नई नौकरी अंततः पांच से सात और नौकरियां पैदा करती हैं. कुशल श्रमिकों की कमी तमाम प्रयासों के बावजूद, कई कंपनियों को कुशल श्रमिक मिलने में समस्या हो सकती है. बड़ी संख्या में ऐसे अमेरिकी लोग हैं जिन्होंने सोच-विचार के बाद कंपनियों में काम न करने का फैसला किया. कई लोग अब नौकरी ही नहीं करना चाहते हैं, खासकर असेंबल करने जैसे क्षेत्र में. सिर्फ सितंबर महीने में 44 लाख अमेरिकी श्रमिकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी. पूरे देश में चली इस प्रवृति को 'द ग्रेट रेजिग्नेशन' कहा गया. हालांकि, वाइनर का शॉमुट कॉर्पोरेशन इस प्रवृति को कम कर रहा है. अमेरिकी सरकार ने फेस मास्क के उत्पादन के लिए इस कंपनी को काफी मदद की. इस वजह से यह कंपनी विदेशों में स्थित अपनी उत्पादन इकाई को बंद कर देश में फिर से चालू करने में सफल रही. कुछ ही समय में वाइनर की कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 300 हो जाएगी, जो 1990 के दशक से 50 अधिक होगी. इस कंपनी को अपने उत्पादन के लिए जिस कच्चे माल की जरूरत है वह सिर्फ घरेलू आपूर्तिकर्ता से मिल रहा है. वाइनर वादा करते हैं, "अब यह आपूर्ति श्रृंखला सीमाओं को पार नहीं करेगी".