पाकिस्ता में फिर अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़की हुई शिकार, धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर...
फैसलाबाद में हुआ होगा, न कि सुक्कुर में.
पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़की को यातनाओं का शिकार होना पड़ा है. दरअसल, पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की एक नाबालिग लड़की (Minor Christian girl) के इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार करने पर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म (Raped) किया गया. पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने इसका दावा किया है. इस तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की नया पाकिस्तान बनाने और अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करने के दावे की एक बार फिर कलई खुल गई है.
पड़ोसी मुल्क में पिछले दो दिनों से ट्विटर पर #JusticeforSunitaMasih ट्रेंड कर रहा है. इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के प्रमुख लोगों, कलाकारों और लोगों ने ट्वीट किया और इमरान से इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. साथ ही कहा कि इमरान खान नाबालिग को न्याय सुनिश्चित करवाएं. दूसरी ओर, फैसलाबाद और सुक्कुर के पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें ईसाई समुदाय की नाबालिग के साथ दुष्कर्म और यातना की बात कही गई थी. दरअसल, यूजर्स ने पीड़ित की पोस्ट शेयर करते हुए अधिकारियों से मांग की कि वे आरोपियों के खिलाफ एक्शन लें.
पाकिस्तानी अभिनेत्री ने भी उठाया मुद्दा
नाबालिग लड़की की इस घटना के बारे में ट्वीट करने वालों में लोकप्रिय पाकिस्तानी अभिनेत्री अरमीना राणा खान भी थीं. खान ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि फैसलाबाद की 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसे कलमा पढ़ने के लिए कहा गया. उन्होंने दावा किया कि जब नाबालिग लड़की ने ऐसा करने से इनकार किया तो उसका सिर मुंडवा दिया गया. जब कथित घटना को पंजाब के मुख्यमंत्री के डिजिटल मीडिया के फोकल पर्सन अजहर मशवानी के संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने कहा कि ये घटना फैसलाबाद के बजाय सिंध के शिकारपुर में हुआ था. हालांकि, फैसलाबाद और शिकारपुर के पुलिस अधिकारियों ने ऐसी घटना से इनकार कर दिया.
पाकिस्तानी पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़की को यातनाओं का शिकार होना पड़ा है. दरअसल, पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की एक नाबालिग लड़की (Minor Christian girl) के इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार करने पर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म (Raped) किया गया. पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने इसका दावा किया है. इस तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की नया पाकिस्तान बनाने और अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करने के दावे की एक बार फिर कलई खुल गई है.
पड़ोसी मुल्क में पिछले दो दिनों से ट्विटर पर #JusticeforSunitaMasih ट्रेंड कर रहा है. इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के प्रमुख लोगों, कलाकारों और लोगों ने ट्वीट किया और इमरान से इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. साथ ही कहा कि इमरान खान नाबालिग को न्याय सुनिश्चित करवाएं. दूसरी ओर, फैसलाबाद और सुक्कुर के पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें ईसाई समुदाय की नाबालिग के साथ दुष्कर्म और यातना की बात कही गई थी. दरअसल, यूजर्स ने पीड़ित की पोस्ट शेयर करते हुए अधिकारियों से मांग की कि वे आरोपियों के खिलाफ एक्शन लें
पाकिस्तानी अभिनेत्री ने भी उठाया मुद्दा
नाबालिग लड़की की इस घटना के बारे में ट्वीट करने वालों में लोकप्रिय पाकिस्तानी अभिनेत्री अरमीना राणा खान भी थीं. खान ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि फैसलाबाद की 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसे कलमा पढ़ने के लिए कहा गया. उन्होंने दावा किया कि जब नाबालिग लड़की ने ऐसा करने से इनकार किया तो उसका सिर मुंडवा दिया गया. जब कथित घटना को पंजाब के मुख्यमंत्री के डिजिटल मीडिया के फोकल पर्सन अजहर मशवानी के संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने कहा कि ये घटना फैसलाबाद के बजाय सिंध के शिकारपुर में हुआ था. हालांकि, फैसलाबाद और शिकारपुर के पुलिस अधिकारियों ने ऐसी घटना से इनकार कर दिया.
पाकिस्तानी पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?
फैसलाबाद शहर के पुलिस अधिकारी (CPO) मोहम्मद सोहेल चौधरी ने कहा कि यह एक झूठी खबर है कि फैसलाबाद में एक लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की गई थी और ये पाया गया कि घटना बिल्कुल उलट है और मामला सुक्कुर जिले से संबंधित है. हालांकि, सुक्कुर उप महानिरीक्षक (DIG) फिदा हुसैन ने स्पष्ट रूप से इनकार किया कि एक ईसाई लड़की पर किसी के द्वारा आपराधिक हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि ये संभवतः फैसलाबाद में हुआ होगा, न कि सुक्कुर में
फैसलाबाद शहर के पुलिस अधिकारी (CPO) मोहम्मद सोहेल चौधरी ने कहा कि यह एक झूठी खबर है कि फैसलाबाद में एक लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की गई थी और ये पाया गया कि घटना बिल्कुल उलट है और मामला सुक्कुर जिले से संबंधित है. हालांकि, सुक्कुर उप महानिरीक्षक (DIG) फिदा हुसैन ने स्पष्ट रूप से इनकार किया कि एक ईसाई लड़की पर किसी के द्वारा आपराधिक हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि ये संभवतः फैसलाबाद में हुआ होगा, न कि सुक्कुर में.