मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी JUI-F प्रस्तावित संविधान संशोधनों के "कुछ बिंदुओं के पक्ष में नहीं"

Update: 2024-10-19 18:18 GMT
Islamabadइस्लामाबाद : पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ( पीएमएल-एन ), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ( पीपीपी ), और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रस्तावित 'संवैधानिक संशोधनों' के जरिए न्यायिक सुधारों पर सहमत हो गए हैं, लेकिन मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली पार्टी, जेयूआई-एफ अभी भी कुछ अन्य बिंदुओं के पक्ष में नहीं है, एआरवाई न्यूज ने बताया। एआरवाई न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मौलाना फजलुर रहमान को मनाने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे।
एआरवाई न्यूज ने बताया कि प्रमुख संशोधनों की मांग मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली पार्टी ने की है। सूत्रों के मुताबिक मौलाना फजलुर रहमान ने राज्य को 2028 तक ब्याज मुक्त बनाने के लिए अनुच्छेद 38 में संशोधन का प्रस्ताव रखा एक अधिकारी ने एआरवाई न्यूज को बताया, "जेयूआई-एफ सभी प्रकार की ब्याज मुक्त इस्लामी वित्तीय प्रणालियां चाहता है।" मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद 70-1 में एक अतिरिक्त खंड जोड़ने की भी मांग की, जिसे संसदीय विशेष समिति द्वारा स्वीकृत मसौदे में शामिल नहीं किया गया था।
जेयूआई-एफ ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि संसद द्वारा पारित किए जाने से पहले हर विधेयक की एक प्रति विचार और राय के लिए इस्लामिक विचारधारा परिषद को भेजी जानी चाहिए। इस बीच, सरकार ने संसद में संवैधानिक संशोधन पेश करने का फैसला किया है, भले ही मौलाना फजलुर रहमान सहमत न हों, एआरवाई न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया। पीएमएल -एन के नेतृत्व वाली संघीय सरकार ने अपने सहयोगियों के साथ फैसला किया कि संवैधानिक संशोधन शनिवार रात को संसद में पेश किए जाएंगे।
इससे पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा कि पार्टी संवैधानिक संशोधनों पर अपने संस्थापक इमरान खान के निर्देशों का पालन करेगी। एआरवाई न्यूज के अनुसार, दूसरे दिन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बैरिस्टर गौहर ने कहा कि प्रस्तावित संवैधानिक संशोधनों पर उनके बीच विस्तृत चर्चा हुई। (एएनआई)
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