जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए शख्स ने दी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 'हत्या' करने की धमकी

स्कॉटलैंड यार्डने उस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें सोशल मीडिया पर साझा किये गए एक वीडियो में चेहरे को पूरी तरह से नकाब से ढके और खुद को भारतीय सिख बताने वाला एक व्यक्ति 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहारका बदला लेने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ‘हत्या’करने की धमकी देता नजर आ रहा है.

Update: 2021-12-28 01:28 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्कॉटलैंड यार्ड (Scotland Yard) ने उस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें सोशल मीडिया पर साझा किये गए एक वीडियो में चेहरे को पूरी तरह से नकाब से ढके और खुद को भारतीय सिख बताने वाला एक व्यक्ति 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre of 1919) का बदला लेने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 'हत्या' ( 'murder' of Queen Elizabeth II) करने की धमकी देता नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के विंडसर कैसल (Queen Elizabeth II's Windsor Castle) के पास से एक घुसपैठिये को गिरफ्तार किया गया था. 'द सन' अखबार के अनुसार यह वीडियो स्नैपशॉट पर साझा किया गया है, जिसमें एक नकाबपोश व्यक्ति खुद को भारतीय सिख जसवंत सिंह चैल बताता है और घोषणा करता है कि जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए वह महारानी की हत्या करना चाहता है.

इस बीच, 19 वर्षीय एक घुसपैठिये को उसके मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को लेकर पकड़ कर रखा गया है. मेट्रोपोलिटन पुलिस ने उसका नाम अब तक नहीं बताया है. स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारी इस वीडियो की जांच कर रहे हैं, जिसका कथित रूप से संबंध क्रिसमस के दिन विंडसर कैसल से गिरफ्तार किये गये घुसपैठिये से बताया जाता है. उस घुसपैठिये के पास से एक हथियार मिला था.
मानसिक स्वास्थ्य कानून की धाराएं लगायी
मेट्रोपोलिटन पुलिस ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य जांच के बाद गिरफ्तार संदिग्ध के विरूद्ध ब्रिटेन के मानसिक स्वास्थ्य कानून की धाराएं लगायी गयी हैं और वह 'चिकित्सकों की देखभाल' में है. वीडियो में नकाबपोश व्यक्ति कह रहा है, 'मैंने जो किया है और मैं जो करूंगा, उसको लेकर मैं दुखी हूं. मैं महारानी एलिजाबेथ की हत्या करने का प्रयास करूंगा.'
वह कह रहा है, ' यह उन लोगों के लिए बदला है, जो 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार में मारे गये थे. यह उन लोगों के लिए भी बदला है जो अपनी नस्ल के कारण मारे गये, अपमानित किये गये, भेदभाव का शिकार हुए. मैं एक भारतीय सिख हूं. मेरा नाम जसवंत सिंह चैल है, मेरा नाम डार्थ जोंस है.' अप्रैल, 1919 में बैसाखी के दिन अमृतसर के जालियंवाला बाग में नरसंहार हुआ था. कर्नल रेजीनाल्ड डायर के आदेश पर ब्रिटिश सैनिकों ने स्वतंत्रता समर्थक प्रदर्शन पर गोलियां चलायी थीं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे.

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