नई दिल्ली। भारत से लेकर दुनिया भर के विभिन्न देशों में बुधवार को महात्मा गांधी की जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिस दौरान गांधी के अहिंसा और सत्य को बनाए रखने के संदेश को याद किया गया। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘गांधीवादी मूल्य और संयुक्त राष्ट्र चार्टर’ शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम हुआ।
इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग के कैबिनेट प्रमुख इवोर फंग ने कहा कि गांधी का जीवन शांतिपूर्ण विरोध की प्रभावशीलता का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो दुनिया भर में, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका के लोगों को प्रेरित करता है। वहीं दूसरी ओर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन से लेकर पश्चिम एशिया तक जारी संघर्ष और हिंसा से भरी दुनिया पर गहरी चिंता जताते हुए महात्मा गांधी के अहिंसा, शांति एवं समानता के संदेश पर प्रकाश डाला।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करके अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र भवन में उनकी उपस्थिति सत्य और अहिंसा के उनके मार्ग पर चलने और ‘शांति ही मार्ग है’ की निरंतर याद दिलाती है।
वहीं दूसरी ओर जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास एवं उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास की ओर से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिस दौरान गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके द्वारा दिए गए समानता, सम्मान, शांति और न्याय के संदेश को दोहराते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने की शपथ ली गई। संयुक्त राष्ट्र ने गांधी की जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया है, जो दुनिया भर में गांधी के विचारों की प्रासंगिकता को दर्शाता है।