यूक्रेन में रूसी सेनाओं के दाखिल होने से चार दिन पहले ही मैंक्रों ने पुतिन को फोन मिलाया था
पूर्वी यूक्रेन के लुहानस्क को स्वतंत्र घोषित कर दिया गया। 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था।
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन फरवरी में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर हैं। उनसे जुड़ी एक और खबर आ रही है जिसमें उनकी 'टफ ब्वॉय' वाली इमेज और मजबूत हो गई है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों ने युद्ध शुरू होने से पहले पुतिन को कॉल किया था। लेकिन पुतिन ने ये कहकर उनका फोन काट दिया कि वो जिम में हैं और बात नहीं कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस साल फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था और अभी तक जारी है। पांच माह बाद भी इसके रुकने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। पुतिन ने मैंक्रों पर रूस के अलगाववादियों के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया था मगर मैंक्रों ने उनके आरोपों को सिरे से नकार दिया था।
युद्ध से 4 दिन पहले फोन
द सन में छपी एक रिपोर्ट में लीक्ड फोन कॉल्स के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन में रूसी सेनाओं के दाखिल होने से चार दिन पहले ही मैंक्रों ने पुतिन को फोन मिलाया था। वो फोन कॉल के दौरान पुतिन के इरादों को समझना चाहते थे। युद्ध शुरू होने से पहले 20 फरवरी को पुतिन और मैंक्रों में फोन पर जमकर बहस हुई थी। मैंक्रों ने पुतिन से कहा था, 'मुझे नहीं पता कि आपके वकीलों ने कानून कहां से पढ़ा है।' मैंक्रों, पुतिन पर दबाव डाल रहे थे कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलना चाहिए ताकि हालात को शांत किया जा सके।
झल्लाए पुतिन ने इस रिक्वेस्ट को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने मैंक्रों को जवाब दिया कि वो अभी जिम में हैं और आइस हॉकी खेलने के लिए निकलने वाले हैं। फ्रांस 2 के हवाले से द सन ने ये रिपोर्ट छापी है। ये लीक्ड कॉल उस डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा है जिसमें ये दिखाने की कोशिश की गई है कि मैंक्रों ने कैसे यूक्रेन वॉर को कैसे हैंडल किया है। इस तनावपूर्ण फोन कॉल में मैंक्रों ये समझना चाहते थे कि युद्ध से बचने के और कौन से विकल्प हो सकते हैं।
हो गई बहस
पुतिन ने मैंक्रों को याद दिलाया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदमिर जेलेंस्की के साथ क्षेत्र के अलगाववादियों वार्ता करने के इच्छुक हैं मगर वो उनके साथ वार्ता से इनकार कर रहे हैं। इस पर मैंक्रों को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि आपके वकील आपको ये बता पाएंगे या नहीं कि एक संप्रभु देश में अलगाववादियों की तरफ से कानून के पाठ का प्रस्ताव दिया जाता है न कि लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए नेताओं की तरफ से।'
इस पर पुतिन ने जवाब दिया, 'ये कोई लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार नहीं है। वो तख्तापलट के साथ सत्ता में आए हैं। लोगों को जिंदा जलाया गया है, खून-खराबा हुआ है और इसके लिए जेलेंस्की जिम्मेदार हैं।' पुतिन ने मैंक्रों को यह भी कहा कि लोग अलग-अलग तरह से इस स्थिति को समझ रहे हैं।
पुतिन, मैंक्रों से कहते रहे कि उन्हें अलगाववादियों से बात करनी चाहिए और फ्रेंच राष्ट्रपति ने जवाब दिया, 'हमें उन और उनके प्रस्ताव से कोई फर्क नहीं पड़ता।' फोन कॉल कटने से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने अपने रूसी समकक्ष को प्रस्ताव दिया था कि उन्हें एक प्रेस रिलीज जारी करनी चाहिए जिसमें पुतिन और बाइडेन की मीटिंग की जानकारी हो।
पुतिन ने कहा, 'सच कहूं तो मैं इस समय आइस हॉकी खेलने जाना चाहता था क्योंकि मैं अभी जिम में आपसे बात कर रहा हूं और एक्सरसाइज शुरू नहीं की है। मैं अपने सलाहकारों से पहले बात करूंगा।' इस फोन कॉल के 24 घंटे बाद रूस ने एक बिल पास किया जिसमें डॉनस्टेक के लोगों को मान्यता दी गई और पूर्वी यूक्रेन के लुहानस्क को स्वतंत्र घोषित कर दिया गया। 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था।