ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी में रहने में कम करती हैं कोरोना से मौत के खतरे: सर्वे का दावा

डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,19,13,292 है. (भाषा से इनपुट के साथ)

Update: 2021-04-10 02:08 GMT

एक स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी में रहने खासकर अल्ट्रावायलेट किरण के संपर्क में आने का जुड़ाव कोविड-19 से कम मौतों के साथ है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर आगे शोध में मृत्यु दर में कमी से जुड़ाव का पता चलता है तो सूरज की रोशनी के संपर्क में ज्यादा देर रहने से सामान्य लोक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है.

ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्माटोलोजी' में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस अवधि में 2474 काउंटी में अल्ट्रावायलेट स्तर की तुलना की गई. टीम ने पाया कि अल्ट्रावायलेट किरण के उच्च स्तर वाले इलाके में रहने वाले लोगों के बीच कोविड-19 से कम मौतें हुई.

स्टडी में वायरस से संक्रमित होने और मौत के खतरे का विश्लेषण किया गया
शोधकर्ताओं के मुताबिक इंग्लैंड और इटली में भी इसी तरह के अध्ययन किए गए. शोधकर्ताओं ने उम्र, समुदाय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, वायु प्रदूषण, तापमान और स्थानीय इलाके में संक्रमण के स्तर को ध्यान में रखते हुए वायरस से संक्रमित होने और मौत के खतरे का विश्लेषण किया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज की रोशनी में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा नाइट्रिक ऑक्साइड को बाहर निकाल देती है. इससे वायरस के आगे बढ़ने की क्षमता संभवत: घट जाती है.
बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर
दुनियाभर में कोरोना के अबतक 134,899,672 केस सामने आ चुके हैं. इसमें से 108,573,610 लोग ठीक हो गए हैं. वहीं 2,920,605 ने अपनी जान गंवा दी है. देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार की बात करें तो भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1,31,968 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,30,60,542 हो गई है. वहीं 780 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,67,642 हो गई है. इसके अलावा देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 9,79,608 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,19,13,292 है. (भाषा से इनपुट के साथ)


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